मत्स्यपालन को मिलेगा बढ़ावा
खुशखबरी. मत्स्य उत्पादन में वृद्धि को ले बड़ी योजनाओं की हो रही तैयारी मुख्यमंत्री मत्स्य विकास योजना के तहत किसानों को मत्स्यपालन के लिए किया जा रहा प्रेरित. पूर्णिया : जिले में मत्स्यपालकों को बढ़ावा देने एवं मत्स्य उत्पादन में वृद्धि को लेकर सरकार बड़ी योजनाओं की तैयारी कर रही है. इसके तहत अनुदान एवं […]
खुशखबरी. मत्स्य उत्पादन में वृद्धि को ले बड़ी योजनाओं की हो रही तैयारी
मुख्यमंत्री मत्स्य विकास योजना के तहत किसानों को मत्स्यपालन के लिए किया जा रहा प्रेरित.
पूर्णिया : जिले में मत्स्यपालकों को बढ़ावा देने एवं मत्स्य उत्पादन में वृद्धि को लेकर सरकार बड़ी योजनाओं की तैयारी कर रही है. इसके तहत अनुदान एवं प्रशिक्षण भी व्यवस्था की जा रही है. दरअसल जिले में आंध्रप्रदेश से काफी संख्या में मछली का आयात किया जा रहा है. जिससे जिले के मत्स्य कारोबारियों को वाजिब मुनाफा नहीं हो रहा है. अब सरकार द्वारा स्वरोजगार योजना के तहत मत्स्य उत्पादन में बढ़ोतरी की जा रही है. सरकार द्वारा मुख्यमंत्री मत्स्य विकास योजना के तहत किसानों को मत्स्यपालन के लिए प्रेरित किया जा रहा है. अभी जिले में कुल 570 जलकर हैं. इन जलकरों में मछली से लेकर मखाना तक का उत्पादन किया जाता है.
इसके अलावा निजी जलकरों की संख्या का पता लगाया जा रहा है. सरकारी जलकरों का उचित देखभाल और उसमें मत्स्य व मखाना उत्पादन के लिए किसानों का समूह गठित कर दिया गया है. समूह ही जलकर का संचालन करता है. सरकार द्वारा निर्गत मत्स्यपालन योजना से किसानों में काफी खुशी है.
मत्स्यपालकों को दिया जायेगा प्रशिक्षण : मत्स्यपालकों को आवश्यक प्रशिक्षण भी देने की प्रक्रिया आरंभ कर दी गयी है. सरकार ने मत्स्यपालकों को प्रशिक्षण देने के लिए स्थान भी चिन्हित कर लिया गया है. मत्स्य प्रसार योजना के तहत अगस्त 2017 में केंद्रीय मत्स्यिकी शिक्षा संस्थान के उपकेंद्र आंध्रप्रदेश स्थित काकीनाड़ा में प्रशिक्षण दिया जायेगा. वहीं कोलकाता, साल्टेक स्थित केंद्रीय मत्स्यिकी शिक्षा संस्थान और जून 2017 में उत्तराखंड के पंतनगर स्थित मत्स्यिकी महाविद्यालय में प्रशिक्षण दिया जायेगा. प्रशिक्षण में सहभागी होने के लिए जिला मत्स्यपालन केंद्र द्वारा मत्स्य कारोबारियों से आवेदन लिया जा रहा है. चयनित मत्स्यपालकों को प्रशिक्षण में भेजा जायेगा.
कहते हैं पदािधकारी
जिला मत्स्य पदाधिकारी कृष्ण कन्हैया ने कहा कि मत्स्यपालकों को मत्स्यपालन के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. योजना का लाभ लाभुकों तक पहुंचाया जा रहा है. इससे मत्स्पालकों में लोग मत्स्यपालन के प्रति काफी उत्साहित हैं.
सरकार ने मत्स्यपालन को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2016-17 में लागत का 90 फीसदी राशि यानि कुल 12 लाख 96 हजार अनुदान राशि मत्स्यपालकों को प्रदान किया है. जिसमें अनुसूचित जनजाति के लाभुकों को कुल 06 लाख 48 हजार और अनुसूचित जाति के लाभुकों को 06 लाख 48 हजार रूपये की अनुदान राशि प्रदान किया गया है. अनुदान में फोर व्हीलर, थ्री व्हीलर एवं टू व्हीलर मोपेड सह आइस बॉक्स वाहन शामिल है.