शहर में नोटबंदी जैसे हालात, ग्राहकों में मचा है हाहाकार

पूर्णिया : जिले में एक बार फिर नोटबंदी जैसे हालात पैदा हो गये हैं. जिला मुख्यालय के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित एटीएम कैशलेस हो चुके हैं और ग्राहक रुपये की खोज में एक शहर से दूसरे शहर भटक रहे हैं. शादी-विवाह के इस मौसम में जिन घरों में समारोह आयोजित होना है, उनकी मुश्किलें […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 18, 2017 5:21 AM

पूर्णिया : जिले में एक बार फिर नोटबंदी जैसे हालात पैदा हो गये हैं. जिला मुख्यालय के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित एटीएम कैशलेस हो चुके हैं और ग्राहक रुपये की खोज में एक शहर से दूसरे शहर भटक रहे हैं. शादी-विवाह के इस मौसम में जिन घरों में समारोह आयोजित होना है, उनकी मुश्किलें कुछ अधिक ही बढ़ी हुई है.

जबकि इलाज से लेकर रोजमर्रे के खर्च के लिए भी लोगों की मुश्किलें बढ़ने लगी है. कुछ ऐसे ही हालात नोटबंदी के दौरान थे, जब लोग एटीएम और बैंकों के चक्कर लगाया करते थे और उन्हें निराश वापस लौटना पड़ता था. ठीक उसी तरह एटीएम के साथ-साथ बैंकों से भी ग्राहकों को निराशा हाथ लग रही है.

बैंक प्रबंधन से जुड़े लोग इसकी वजह रुपये की कम आपूर्ति बता रहे हैं तो दूसरी ओर रैंसमवेयर वायरस को लेकर लोगों के बीच तरह-तरह की चर्चा हो रही है. कारण जो भी हो, आम लोग परेशान हैं और बैंक प्रबंधन समस्या के समाधान में फिसड्डी साबित हो रहा है. जानकार बताते हैं कि नोटों की यह किल्लत इस पूरे सप्ताह बरकरार रह सकती है.
बैंकों में भी बनी है नोटों की किल्लत : जिले के एटीएम में कैश नहीं होने के साथ-साथ बैंकों में भी नोटों की किल्लत है. लगभग सभी बैंकों की हालत एक जैसी बनी हुई है. लोग एटीएम में कैश नहीं मिलने की स्थिति में बैंक का रूख कर रहे हैं, लेकिन वहां भी उन्हें निराशा मिल रही है. बताया जा रहा है कि रिजर्व बैंक द्वारा एक सप्ताह से बैंकों को नोट उपलब्ध नहीं कराया गया है, जिससे यह समस्या उत्पन्न हुई है. यदि किसी बैंक में कैश उपलब्ध कराया भी जा रहा है तो ग्राहक के डिमांड से काफी कम उन्हें नकद उपलब्ध कराया जा रहा है.
जमा से ज्यादा निकासी पर है जोर : जिले में नोट के लिए हाहाकार मचा हुआ है. लोगों को अपने मेहनत की कमाई की जमा राशि जरूरत पड़ने पर भी नहीं मिल रही है. कई अफवाहों की वजह से अचानक निकासी पर जोर बढ़ गया है. लोग बैंकों में जमा कम और निकासी अधिक कर रहे हैं. इस तरह की स्थिति नोटबंदी के समय भी थी. लेकिन उस समय निकासी पर भी अंकुश था, लिहाजा वह दौर किसी तरह गुजर गया. जो कारोबारी दैनिक लाखों रुपया बैंक में जमा किया करते थे, वह बैंक की हालत देख कर अब कैश जमा करने से परहेज कर रहे हैं. लोगों में अनिश्चितता की स्थिति है, लिहाजा परेशानी बढ़ती जा रही है.
जोरों पर है रैंसमवेयर वायरस की चर्चा : बैंक और एटीएम में जो कैश की किल्लत सामने आ रही है, उसके लिए रैंसमवेयर वायरस को जिम्मेवार माना जा रहा है. बताया जाता है कि इस वायरस के एटैक से बचने के लिए आरबीआई के दिशा-निर्देश पर सभी बैंकों में एंटी वायरस की अपडेटिंग आरंभ की गयी है. इस वजह से भी नोटों का प्रवाह बाधित हुआ है. सोशल मीडिया पर भी तरह-तरह की अफवाह और सतर्कता बरतने के नुस्खे बताये जा रहे हैं, लिहाजा अफरा-तफरी का माहौल है. हालांकि आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की जा रही है.
ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ िजला मुख्यालय के एटीएम में भी कैश नहीं
रुपये की िनकासी के लिए एक शहर से दूसरे शहर भटक रहे लोग
एक तो शादी व चुनाव का माहौल उसपर पैसे की िनकासी न होना जले पर नमक िछड़कने जैसा
एटीएम में पैसे नहीं
जिला मुख्यालय स्थित एटीएम का हाल खास्ता है तो ग्रामीण क्षेत्रों का हाल तो एकदम बेहाल है. कैश उपलब्ध नहीं होने से अधिकांश बैंकों के एटीएम के शटर गिरे हुए हैं तो जहां एटीएम खुले भी हैं तो वहां कैश उपलब्ध नहीं है. मंगलवार तक जिला मुख्यालय स्थित एसबीआई के एटीएम लोगों के लिए लाइफ लाइन साबित हो रहा था,
जो बुधवार को ग्राहकों को निराश किया. स्टेट बैंक प्रबंधन के अधिकारी इस बात को स्वीकार करते हैं कि उनके एटीएम में कैश आउट की समस्या है. अन्य एटीएमों का भी हाल बुरा ही है. फोर्ड कंपनी स्थित आइडीबीआइ, देना बैंक, आइसीआइसीआइ मेन ब्रांच, गुलाबबाग, खुश्कीबाग, यूको बैंक, जिला परिषद कैनरा बैंक आदि बैंकों के शटर बुधवार को गिरे रहे. श्रीनायक होटल के पास स्थित सेंट्रल बैंक का एटीएम खुला हुआ था, लेकिन इसमें कैश उपलब्ध नहीं था.
जरूरत के मुतािबक राशि नहीं दे रहा आरबीआइ
आरबीआइ की ओर से जरूरत के हिसाब से नोट उपलब्ध नहीं कराये जा रहे हैं. होमगार्ड के हड़ताल पर चले जाने के कारण सुरक्षा के दृष्टिकोण से पटना से नोट नहीं आ पा रहा है. अब होमगार्ड हड़ताल से वापस आ गये हैं तो दो-तीन दिनों में समस्या का समाधान होगा. लेकिन स्थिति सामान्य होने में करीब एक सप्ताह और लग जायेगा. एटीएमों में कैश आउट की समस्या बहरहाल चल रही है.
सलील चौधरी, सहायक महाप्रबंधक, एसबीआइ, पूर्णिया

Next Article

Exit mobile version