नो इंट्री फेल, जाम में रेंगते हैं वाहन

लहेरिया कट स्टाइल में वाहन चलाते हैं युवक अपनी साइड से चलने की प्रथा हो रही खत्म, देखने वाला कोई नहीं पूर्णिया : शहर में पिछले एक पखवाड़े से ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से चरमराकर रह गयी है. आम लोगों को वाहन परिचालन में काफी कठिनाई हो रही है. भारी वाहनों के लिए नो इंट्री […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 24, 2017 4:16 AM

लहेरिया कट स्टाइल में वाहन चलाते हैं युवक

अपनी साइड से चलने की प्रथा हो रही खत्म, देखने वाला कोई नहीं
पूर्णिया : शहर में पिछले एक पखवाड़े से ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से चरमराकर रह गयी है. आम लोगों को वाहन परिचालन में काफी कठिनाई हो रही है. भारी वाहनों के लिए नो इंट्री भी फेल होकर रह गया है. इससे जाम भी काफी तेजी से लग जा रहा है. इस समस्या को देखने वाला कोई नहीं है. अब तो शहर में अपनी साइड से चलने की प्रथा भी खत्म भी हो रही है. इसमें खासकर सहज स्वभाव वाले लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
किसी तरह के प्रशासनिक दबाव नहीं होने के कारण बिगरैल तरह के युवाओं के भी मनोबल इतने बढ़ गये हैं कि ये अब शहर की सड़कों पर रेस लगाने लगे हैं. इतना ही नहीं कुछ युवा तो लहेरिया कट के स्टाइल में वाहन परिचालन करने लगे हैं. इससे शहर की सड़कों पर चलना किसी के लिए सहज नहीं है.
केस स्टडी-1
दिन के ठीक 12 बजे फोर्ड कंपनी चौक पर लाइन बाजार से आने वाली वाहनों की लंबी कतार थी. वहीं आरएन साह चौक से भी ऑटो का बड़ा काफिला आ रहा था. तीसरी तरफ गिरिजा चौक से भी वाहनों की बड़ी लाइन लगी हुई थी. ठीक चौराहे पर सब वाहन गडमड हो रहे थे. ऐसा लग रहा था मानो एक दूसरे को दाबना चाह रहा हो. इसी झमेले में कहीं कोई नहीं बढ़ रहा था. एक ऑटो वाले ने बोलेरो ड्राईवर को पीछे हटने कहा. वह जब गाड़ी पीछे कर रहा था तो पीछे खड़ी एक बाइक उसकी चपेट में आ गया. बस यात्रा बाधित हो गया एवं मारपीट की नौबत हो गयी.
इसका विवाद छुड़ाने आये अन्य ऑटो चालक आये तो उनका विवाद कम होने की बजाय बढ़ ही गया. काफी देर हंगामा होता रहा. तब तक ट्रक और ट्रैक्टर भी बीच में घुस गयी. तीन स्कूली बसों ने भी स्थिति विहंगम कर दिया. सूचना मिलते ही दो लाठीधारी पुलिस वहां पहुंची और ऑटो के उपर लाठी बरसानी शुरू कर दी. तब कहीं से जाम हटा. शहर की ये हालत लचर ट्रैफिक व्यवस्था को बयां करने के लिए काफी है.
केस स्टडी-2
दिन के 12 बजकर 25 मिनट पर गिरिजा चौक का नजारा अजीब था. हर दो मिनट पर जाम लग रहा था. कोई देखनहार नहीं था. पुलिस विभाग ने एक रंगरूट को खड़ा कर दिया था. लचर व्यवस्था की किरदार ऑटो चालक एवं शहर के नवध्नाढ्य किस्म के फोरव्हीलर वालों के उपर कोई असर ही नहीं पड़ रहा था. बस वाले तो अपना ही ट्रैफिक रूल अपना रहे थे. उस रास्ते से गुजड़ने वाले हर कोइ्र एक दूसरे से उलझ रहे थे. ट्रैफिक पोस्ट ही जाम एवं सारी फसाद की जड़ हो गयी थी. शहर में किस तरह वन-वे रूट फेल हुआ है उसका नजारा वहां स्पष्ट दिख रहा था.

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