25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पंडाल व मूर्तियों को आकर्षक आकार दे रहा बंगाल से आया कारीगरों का कुनबा

पंडाल व मूर्तियों को आकर्षक आकार

पूर्णिया. अपने शहर में दुर्गा पूजा को भव्य स्वरुप देने के लिए बंगाल के कारीगरों व मूर्तिकारों का बड़ा कुनबा पूर्णिया पहुंचा हुआ है. इस कुनबे में अलग-अलग कलाकार शामिल हैं जो कहीं माता की प्रतिमा तो कहीं पूजन पंडाल को भव्य स्वरुप देने की मुहिम में जुटे हैं. नवरात्र की शरुआत यहां आगामी 03अक्टूबर से हो रही है और वे इससे पहले अपनी कला का रंग दिखा कर बंगाल अपने घर लौट जाना चाहते हैं. यह अलग बात है कि उनमें आपसी प्रतिस्पर्धा भी है. हर कोई अपना काम बेहतर करना चाहते हैं ताकि उनका मार्केट बना रहे. मंदिरों और पूजन पंडालों में अब मां दुर्गा की प्रतिमाएं भी अब आकार लेने लगी हैं. शहर में करीब 25 प्रतिमाओं की स्थापना की जाती है, जबकि जिलेभर की मूर्तियों की संख्या सौ से ज्यादा है. घरों व मंदिरों में स्थापित की जाने वाली मूर्तियों को भी सम्मिलित किया जाए तो यह संख्या और भी बढ़ जाएगी. इन तमाम मूर्तियों का निर्माण बंगाल से आए मूर्तिकार कर रहे हैं. वैसे, खुश्कीबाग स्थित कप्तान पाड़ा मुहल्ला खास तौर पर प्रतिमा निर्माण के लिए ही जाना जाता है. पहले यह बंगाल के कारीगरों का बसेरा था पर कुछ लोग बाहर चले गये. अब यहां भी बंगाल के मूर्तिकार सीजन में चले आते हैं. कचैटी मिट्टी से बनाई जा रही देवी की प्रतिमा मूर्तिकार रामपाल ने बताया कि दुर्गा जी की मूर्ति कचैटी मिट्टी से बनाई जाती हैं. इसमें एक काली मिट्टी तो दूसरी पीली मिट्टी होती है. इस मिट्टी से बनी मूर्ति बहुत ही मजबूत व शाइनिंग होती है. मिट्टी चांप के खेत से लाई जाती हैं जो महंगा होता है. मूर्ति बनाने में लकड़ी, बांस, कांटी, पुआर, आदि का भी उपयोग किया जाता है. कारीगर व मूर्तिकारों के कुनबा में मालदा से आए अमरजीत, सोनू पाल, विश्वजीत आदि ने बताया कि उन लोगों को शारदीय नवरात्र में प्रतिवर्ष माता रानी की प्रतिमा और पंडाल बनाने का बेसब्री से इंतजार रहता है. पिछले एक दशक से वे लोग पंडाल बनाने का काम करते हैं. यह उनका आमदनी का जरिया तो है ही, साथ-साथ लोगों का उत्साह देखकर भी खुशी मिलती है. मूर्तिकार रामू पाल ने बताया कि विशेष आर्डर पर मनचाहे रूप व आकार की मूर्तियां भी वे तैयार करते हैं. बंगाल को दो दर्जन कारीगर बना रहे पंडाल कारीगरों का एक कुनबा पंडाल बनाने में जुटा है और यही वजह है कि कई जगह दुर्गापूजा पंडाल भी आकार लेने लगे हैं. इसमें कई लोग सीधा बंगाल के टेंट हाउस से आए हैं तो कई को लोकल टेंट वालों ने हायर किया है. खुश्कीबाग में पंडाल निर्माण में लगे सुरेश पाल और रंजीत पाल बताते हैं कि वे लोकल टेंट कारोबारी के बुलावे पर आए हैं. उन्हें हर साल बुलाया जाता है जबकि उनके दो दर्जन से अधिक साथी शहर में अलग-अलग पंडाल बना रहे हैं. कारीगरों ने बताया कि वे लोग ज्यादा बंगाल स्टाइल से काम करते हैं पर आर्डर मिलने पर पंडाल सज्जा में सभी राज्यों या मंदिर का रुप बना सकते हैं. वे यहां दिन रात मेहनत कर समय से पहले काम पूरा करने के लिए प्रयासरत हैं. फोटो- 22 पूर्णिया 5- मूर्ति तैयार करने में जुटे कारीगर 6- पूजा का पंडाल निर्माण करते कारीगर

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें