आर्ट ऑफ लिविंग के अंतरराष्ट्रीय सिंगर के सुरों पर झुमे श्रोता
आर्ट गैलरी में संस्था की ओर से भजन संध्या का किया गया आयोजनपूर्णिया. आर्ट ऑफ लिविंग की 43वें वर्षगांठ के अवसर पर शहर के आर्ट गैलरी में संस्था की ओर से भजन संध्या का आयोजन किया गया. मंगलवार की देर शाम संस्था के अंतरराष्ट्रीय भजन गायक रोहित श्रीधर के भजन आज मिथिला नगरिया निहाल सखिया… और डमक डम डमरू बजावेला हमार जोगिया… पर आर्ट गैलरी में मौजूद श्रीश्री रविशंकर के अनुयायी खूब झुमे. इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत में दीप जलाए गये. भजन संध्या का उद्घाटन भाजपा के जिला उपाध्यक्ष अनंत भारती, भाजपा जिला प्रवक्ता दिलीप कुमार दीपक, अधिवक्ता विनिता सिन्हा, आर्ट ऑफ लिविंग के वरिष्ट शिक्षक गणेश सुलतानियां और सेवानिवृत डीएसपी आरती जायसवाल ने किया.इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ शुरू की गायकी
रोहित श्रीधर ने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़कर गायकी शुरू की. उन्होंने बताया कि साल 2011 में उन्होंने बैंगलोर के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लिया. इसी दौरान वे बैंगलोर स्थित आर्ट ऑफ लिविंग के अंतरराष्ट्रीय आश्रम आने जाने लगे. जहां उन्हें संगीत के क्षेत्र में अपना करियर बनाने की प्रेरणा मिली. उन्होंने बताया कि साल 2015 में नौकरी छोड़कर संगीत को करियर बना लिया. तबसे लेकर अबतक वे कई गाने कंपोज कर चुके हैं. हाल ही में उन्होंने ‘सब मिट्टी में मिल जाना है’ गाना कंपोज किया है.आर्ट ऑफ लिविंग में आने पर सीखा शास्त्रीय संगीत
रोहित श्रीधर ने बताया कि वे स्कूल के दिनों से ही शौकिया तौर पर गाया करते थे. उन्होंने संगीत की शिक्षा नहीं ली थी. लेकिन साल 2010 में आर्ट ऑफ लिविंग का कोर्स करने के बाद उन्होंने सतसंग में जाना शुरू किया. यहां उनकी रूची भजन में बढ़ने लगी. इसके बाद साल 2011 में उन्होंने संगीत की तालीम लेनी शुरू की. बता दें कि रोहित का कंपोज किया हुगा गीत मैं हूं… आशा मंगेश्कर ने गाया है. फोटो- 31 पूर्णिया 4- कार्यक्रम में उपस्थित श्रोता एवं अन्य 5- कार्यक्रम के दौरान भजन गायक का स्वागत करते लोगडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है