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भगवान भाष्कर के जयकारे से गूंजा आदित्यधाम, मंत्रोच्चार के साथ हुआ अनुष्ठान

मंत्रोच्चार के साथ हुआ अनुष्ठान

श्रद्धा व भक्ति के माहौल में सम्पन्न हुआ अचला सप्तमी का दो दिवसीय उत्सव

पूजन अनुष्ठान के बाद हवन के साथ श्रद्धालुओं ने किया सूर्यदेव का महाभिषेक

पूर्णिया. शहर के मरंगा स्थित आदित्यधाम में अचला सप्तमी यानी सूर्य जयंती के दूसरे दिन बुधवार को भक्तों ने भगवान सूर्य के जयकारे लगाये और भगवान भाष्कर से सुख, शांति एवं समृद्धि की मन्नतें मांगी. सूर्य पूजा के दूसरे दिन भी आदित्यधाम के सूर्य मंदिर में आस्था का संसार सजा जहां श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना कर उन्नति की कामना की. बुधवार को पूजन अनुष्ठान के दूसरे दिन श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला सुबह से ही शुरू हो गया था. पंडित भूपाल भट्ट ने आठ बजे से पूजन अनुष्ठान की प्रक्रिया आरम्भ कर दी. पूजा के बाद अरती उतारी गई और महाप्रसाद का वितरण किया गया. याद रहे कि माघ माह के शुक्ल पक्ष की आरोग्य सप्तमी मनाई जाती है. यह ब्रह्मांड में ऊर्जा के एकमात्र स्रोत भगवान सूर्य के जन्म का दिन होता है. यह मान्यता है कि इसी दिन से भगवान सूर्य अपने साथ घोड़ों वाले रथ पर सवार होकर विचरण प्रारंभ करते हैं. इस दिन वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भगवान सूर्य की पूजा होती है जिन्हें ज्योतिष में सूर्य को ग्रहों का राजा कहा गया है. पूर्णिया जिले में सूर्य पूजा की शुरुआत 1986 में दिवंगत वैद्य पंडित सूर्य नारायण मिश्र ने की थी. बाद के दिनों में मरंगा स्थित वीवीआइटी कॉलेज परिसर स्थित आदित्यधाम में सूर्य मंदिर का निर्माण हुआ और प्रतिमा प्रतिष्ठापित की गई. तब से यहां हर साल सूर्य की पूजा को लेकर महोत्सव का आयोजन किया जाता है जिसमें न केवल पूर्णिया बल्कि आस पास के जिलों के भी शाकद्विपीय ब्राह्मण समाज के लोग जुटते हैं. इस महोत्सव के दूसरे दिन कई धार्मिक अनुष्ठान किए गये. पुरोहित तिवारी बाबा एवं उनकी टीम ने महाआरती उतारी.

मंदिर के सूर्यकुण्ड में हुआ महाभिषेक

आदित्यधाम स्थित श्री सूर्य नारायण मंदिर में महाभिषेक, पूजन, हवन व श्रृंगार समेत विविध तरह के धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किये गए. पहले मंत्रोच्चार के साथ अग्नि प्रज्जवलित की गई और फिर हवन और महाभिषेक का अनुष्ठान कराया गया . इस अनुष्ठान में अलग-अलग पुरुष एवं महिला भक्तों ने भागीदारी निभायी. इस पूजन अनुष्ठान में श्रद्धालुओं ने भी हिस्सा लिया. पंडित रमेश मिश्रा ने बताया कि भक्तों के आने का सिलसिला देर शाम तक जारी रहा. अचला सप्तमी के मौके पर भक्तों ने परंपरा के अनुसार खाने में नमक का उपयोग नहीं किया व अपने घरों में दीपावली की तरह घी के दिए भी जलाए. पूरा आदित्यधाम भगवान भास्कर के उत्सव जश्न में डूबा दिखा.

हृदय स्त्रोत का हुआ सामूहिक पाठ

भगवान सूर्य के अनुष्ठान के दौरान आदित्यधाम में भक्तों द्वारा आदित्य हृदय स्त्रोत का सामूहिक पाठ किया गया. इसके बाद वैदिक मंत्रोच्चार के बीच सूर्य भगवान की पूजा की गई. इस दौरान राजेश मिश्रा, रमेश मिश्र, पल्लवी मिश्रा, कात्यायिनी मिश्रा, उमेश मिश्र, संजय मिश्रा डाबर, वंशीधर मिश्र, डा. शंभू मिश्र, संजय कुमार मिश्रा, मिथिलेश मिश्र, शरत पांडे, आशुतोष मिश्रा, विभाकर मिश्र, श्रीराम सेवा संघ के संयोजक राणाप्रताप सिंह, मुरारी सिंह, आदि के अलावा बड़ी संख्या में शाकद्विपीय ब्राह्मण समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों ने सक्रिय भागीदारी निभाई.

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