पूर्णिया. वट सावित्री का व्रत एवं शनिदेव की जयंती पर गुरुवार को पांच ग्रहों का अद्भुत संयोग बन रहा है. ज्योतिषाचार्य पंडित सूरज भारद्वाज बताते हैं कि सूर्य बुध, शुक्र, गुरु, चन्द्रमा वृष राशि में भ्रमण कर रहे हैं जबकि शनि स्वगृही होकर कुम्भ राशि में भ्रमण कर रहें हैं. ऐसे अद्भूत संयोग में भगवान शनिदेव की जयंती मनाई जाएगी. ऐसा माना जाता है कि ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को सूर्य और उनकी पत्नी छाया के गर्भ से पुत्र के रूप में शनिदेव का जन्म हुआ था, यानी सूर्य और छाया शनिदेव के माता-पिता हैं. इस साल 6 जून 2024 को ज्येष्ठ मास की अमावस्या है, इसलिए पूरे देश में इस दिन शनि जयंति मनाई जाएगी. याद रहे कि शनि मंदिरों में शनिदेव जयंती मानने के लिए विशेष तैयारियां की जा रही हैं. न्याय के देवता शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए ये अमावस्या बहुत महत्वपूर्ण है. इस दिन शनिदेव की पूजा अर्चना करने का विशेष फल प्राप्त होता है. शनिदेव भक्तों के कष्ट दूर करते हैं.
आज है शनि जयंती
पंडित सूरज भारद्वाज बताते हैं कि यदि कुंडली में शनि से संबंधित दोष हो तो जिन लोगों की कुंडली में शनि ग्रह से संबंधित दोष है उनको 6 जून को शनिदेव की विशेष पूजा करनी चाहिए. शनि ग्रह से संबंधित चीजों का दान करना चाहिए और ईमानदारी के कर्म करने का प्रण लेना चाहिए, यदि कोई पूरी आस्था से ये सब करता है तो शनि से संबंधित सारे दोष शनिदेव हर लेते हैं और दौलत, शोहरत प्रदान करते हैं.फोटो- 5 पूर्णिया 1- पंडित सूरज भारद्वाजडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है