पूर्णिया. मरंगा के वियाडा स्थित एचपीसीएल एलपीजी बॉटलिंग प्लांट में आतंकवादी विरोधी ड्रिल और बम थ्रेट ड्रिल का सफल आयोजन किया गया. इस अभ्यास का नेतृत्व एंटी-टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) पटना ने किया. इस आयोजन में जिला प्रशासन, स्थानीय पुलिस, एसडीआरएफ, फायर ब्रिगेड, स्थानीय अस्पताल टीम, सिविल डिफेंस टीम, एसटीएफ पूर्णिया, एसएसबी, बीआईएडीए, और एडीएम (डिजास्टर मैनेजमेंट), पूर्णिया ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.ड्रिल का मुख्य उद्देश्य महत्वपूर्ण औद्योगिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सुनिश्चित करना, आतंकी हमलों एवं तोड़फोड़ (साबोटाज) की घटनाओं से निपटने की तैयारी का परीक्षण करना और सभी संबंधित एजेंसियों के बीच समन्वय को मजबूत करना था.
ड्रिल में ऐसे तैयार किया गया परिदृश्य
ड्रिल में एक ऐसा परिदृश्य तैयार किया गया था, जिसमें चार आतंकवादियों ने एचपीसीएल प्लांट में प्रवेश किया, गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मियों को घायल कर दिया और चार कर्मचारियों को बंधक बना लिया. एडमिन बिल्डिंग में दो आतंकवादी दो कर्मचारियों को बंधक बनाकर छिप गये. कैंटीन एरिया में अन्य दो आतंकवादियों ने दो और कर्मचारियों को बंधक बनाया.मिली बम की धमकी में प्लांट के टैंक ट्रक वेटिंग ब्रिज के पास एक बम लगाया गया था, जिसे तलाशी के दौरान खोजा गया और बाद में बम निरोधक दस्ते द्वारा सुरक्षित रूप से निष्क्रिय कर दिया गया.एटीएस की टीम ने सटीक रणनीति का उपयोग करते हुए दोनों स्थानों से सभी चार बंधकों को सुरक्षित बाहर निकाला.अभियान के दौरान दो आतंकवादियों को मार गिराया गया. एक एटीएस जवान घायल हुआ, जिसे तत्काल चिकित्सा सहायता दी गई. स्थानीय बम निरोधक दस्ते ने बम को सुरक्षित रूप से निष्क्रिय किया, जिससे प्लांट को कोई नुकसान नहीं हुआ.वीवीआइटी में बना आइसीपी
घटना नियंत्रण केंद्र (आइसीपी) विद्या विहार इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (वीवीआइटी) में स्थापित किया गया, जहां से सभी गतिविधियों की निगरानी की गई.वरिष्ठ संयत्र प्रबंधक निखिल कुमार और प्रबंधक परिचालन सुमित कुमार डे ने प्लांट की ओर से ड्रिल को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया. ड्रिल की व्यापक कवरेज ने जनता को महत्वपूर्ण औद्योगिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के प्रति प्रशासन की प्रतिबद्धता का भरोसा दिलाया.
अभ्यास से हमारी तैयारियों को मिलती है मजबूती
इस अवसर पर निखिल कुमार ने बताया कि इस तरह के अभ्यास से हमारी तैयारियों को मजबूती मिलती है और हम भविष्य की चुनौतियों का बेहतर सामना कर सकते हैं. सुमित कुमार डे ने कहा कि यह ड्रिल टीमवर्क और समर्पण का एक उदाहरण है, जिससे हमारी ऑपरेशनल क्षमताओं में सुधार हुआ है.यह आतंकवादी विरोधी ड्रिल और बम थ्रेट ड्रिल न केवल एटीएस और प्रशासन की तत्परता को दिखाता है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि भविष्य में ऐसी किसी भी घटना का सामना करने के लिए सभी एजेंसियां पूरी तरह से तैयार हैं. फोटो. 30 पूर्णिया 9- मॉक ड्रिल में शामिल एटीएस के जवानडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है