पूर्णिया. शुक्रवार को केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बिहार आगमन पर कृषि विभाग द्वारा प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. उक्त प्रदर्शनी में मखाना, मगही पान, भागलपुरी कतरनी चावल एवं अन्य मुख्य कृषि उत्पाद जैसे चाय, आलू, चिनिया केला, विभिन्न प्रकार के जैविक उत्पादित सब्जियां, शहद, मशरूम, मोटे अनाज आदि को शामिल किया गया था. कार्यक्रम में भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय पूर्णिया की ओर से जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम अन्तर्गत जलजमाव क्षेत्रों के विकास हेतु तैयार किए गए मॉडल एवं मखाना आधारित विभिन्न तकनीकियों का केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, कृषि एवं स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय, कृषि सचिव संजय अग्रवाल, कृषि निदेशक मनोज कुमार, बीआरबीएन के निदेशक डॉ आलोक रंजन घोष, उद्यान निदेशक अभिषेक कुमार के अलावा भारत सरकार एवं बिहार सरकार के कृषि एवं उद्यान निदेशालय के अन्य राज्यस्तरीय पदाधिकारियों ने भ्रमण किया. शिवराज सिंह चौहान ने कृषि महाविद्यालय पूर्णिया के मखाना अनुसंधान एवं विकास के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि आनेवाले वर्षों में मखाना आधारित तकनीक को सम्पूर्ण उत्तर बिहार में विस्तारित किया जाएगा. मंत्री मंगल पाण्डे ने कहा कि जलजमाव क्षेत्रों के विकास हेतु कृषि महाविद्यालय पूर्णिया का मखाना अनुसंधान एवं विकास में सराहनीय योगदान है. किसानों के साथ संवाद कार्यक्रम के दौरान मखाना के किसान महेश मुखिया ने कहा कि अन्य फसलों की तरह मखाना का भी न्यूनतम समर्थन मूल्य भारत सरकार के द्वारा घोषित होना चाहिए क्योंकि इस वर्ष मात्र दस दिनों के अन्दर में मखाना बीज का मूल्य 12 हजार प्रति क्विंटल कम हो गया जिससे हमलोंगो काफी आर्थिक नुकसान हुआ है. जवाब में श्री चौहान ने कहा कि मखाना बिहार का एक अद्वीतीय सुपर फूड है. यह बात मैं ही नहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी जी का भी कहना है कि वैश्विक स्तर पर मखाना के मार्केटिंग एवं ब्रांडिंग करने की अवश्यकता है. इसके निर्यात को बढ़ावा देने के लिए पटना में वाणिज्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा संचालित एपीडा का क्षेत्रीय कार्यालय खोला जाएगा. मखाना के अनुसंधान एवं विकास के लिए भारत सरकार हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है. फोटो -24 पूर्णिया 16- कृषि महाविद्यालय पूर्णिया के मखाना आधारित तकनीकियों को देखते कृषि मंत्री एवं अन्य.
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