पूर्णिया के सूप पर बंगाल के नारियल से भगवान भाष्कर को दिया जायेगा अर्घ्य
लोक आस्था के महापर्व छठ
पूर्णिया. लोक आस्था के महापर्व छठ को देश विदेश तक पहुंचाने का श्रेय भले ही बिहार को जाता हो लेकिन इस महापर्व को लेकर दूसरे प्रदेश को भी एक बड़ा बाजार मिल जाता है. कुछ ऐसा ही हाल है पूर्णिया के फल बाजारों का जहां छठ पर्व को लेकर पड़ोसी राज्य बंगाल का जादू अपना जलवा दिखा रहा है. नतीजा यह है कि इस पर्व के एक चौथाई भाग पर बंगाल के फलों ने कब्जा कर लिया है. खुश्कीबाग फल मंडी में केला, नारियल, गन्ना, अमरुद, अनानाश, गाजर की सप्लाई पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों से हो रही है. हाल यह है कि असम से मंगाई गयी नारियल की खेप के सामने बंगाल से आये नारियल की कीमत कम होने की वजह से बंगाल के नारियल का बाजार गर्म है. लोग बंगाल के बाद दक्षिण भारत से आये नारियल की खरीद कर रहे हैं और आखिर में असम का नाम आता है. वहीं अनानाश के मामले में पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी का एकछत्र राज बना हुआ है. जबकि गाजर की खेप भी सिलीगुड़ी से ही आ रही है. रायगंज का गन्ना यहां अपनी मिठास लेकर पहुंच गया है. जबकि इलाहाबादी अमरुद की तुलना में सस्ते अमरुद को खुश्कीबाग मार्केट तक पहुंचाने में भी बंगाल का बड़ा योगदान दिख रहा है.
टोकरी व सूप बिहार-झारखंड का
छठ पूजा में दाउरा व सूप पूर्णिया के अलावा बिहार के साथ-साथ पड़ोसी झारखंड से आया है. इस बार दाउरा व सूप लोकल भी है. इसके अलावा बिहार के विभिन्न जिलों के अलावा झारखंड से भी मंगाए गये हैं. इस बार टोकरी व सुपती में पिछले साल से कुछ ज्यादा रेट है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है