विलुप्त होती लोक व जनजातीय कला महोत्सव की तैयारी में जुटे कलाकार
22 दिसंबर को कला भवन मुक्ताकाश मंच पर होगा आयोजन
आगामी 22 दिसंबर को कला भवन मुक्ताकाश मंच पर होगा आयोजन
महोत्सव को मुकाम देने में दिन-रात लगी है कला भवन नाट्य विभाग की टीम
पूर्णिया. कला भवन नाट्य विभाग के कलाकार विलुप्त लोक एवं जनजातीय कला उत्थान महोत्सव को मुकाम देने की तैयारी में जुट गये हैं. यह महोत्सव रविवार 22 दिसंबर को आयोजित होगा. पूर्वी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र कोलकाता एवं भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय सहयोग से कला भवन नाट्य विभाग की ओर से इसका आयोजन किया जा रहा है. रविवार को कला भवन के मुक्ताकाश मंच पर लोक संस्कृति जीवंत हो उठेगा. महोत्सव में बिहुला बिशहरी,विदेशिया नृत्य, गीत,जट जटीन, झिझिया लोक नृत्य को खास तौर पर शामिल किया गया है जो आज के दौर में विलुप्त हो रहे हैं. इस महोत्सव में बिहार की पारंपरिक लोक संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी. इस महोत्सव को सफल बनाने के लिए कला भवन नाट्य विभाग ने एक बैठक आहूत की जिसमें न केवल लोक कलाकारों एवं दलों का चयन कर लिया गया बल्कि कलाकारों के प्रदर्शन, उनकी वेशभूषा, पर विशेष रूप से चर्चा की गई और तैयारियों पर विचार-विमर्श किया गया. महोत्सव को लेकर रंगकर्मी अंजनी कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि लोक महोत्सव की पूरी तैयारी कर ली गई है. मंच सज्जा का काम किशोर कुमार गुल्लू दा के जिम्मे दिया गया है. उक्त महोत्सव में किलकारी बिहार बाल भवन पूर्णिया द्वारा लोक कला प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी. महोत्सव में विधायक विजय खेमका मुख्य अतिथि तथा प्रसिद्ध चिकित्सक सह समाज सेवी डॉक्टर देवी राम विशिष्ट अतिथि के रुप में मौजूद रहेंगे. कला भवन के मंत्री रामनारायण सिंह एवं नाट्य विभाग के निर्देशक कुंदन कुमार सिंह ने पूर्णिया के सभी कला और साहित्य प्रेमियों से इस आयोजन में भागीदारी की अपील की है.
संस्कृति को बढ़ावा देने में जुटा है कला भवन नाट्य विभाग
गौरतलब है कि पारंपरिक लोक कला एवं कलाकारों को प्रोत्साहन एवं इसके संरक्षण एवं संवर्धन में कला भवन नाट्य विभाग पूर्णिया बढ़-चढ़ कर काम कर रहा है. पिछले दिनों कला भवन नाट्य विभाग का जनजातीय दल पवन इक्का एवं उनके साथी कलाकारों ने पूर्णिया के वरिष्ठ रंगकर्मी एवं बिहार कला पुरस्कार भिखारी ठाकुर वरिष्ठ पुरस्कार अवार्ड से सम्मानित विश्वजीत कुमार सिंह के नेतृत्व में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष जनजाति लोक नृत्य कर्मा की प्रस्तुति दी थी. प्रधानमंत्री ने तब कलाकार पवन इक्का के हाथों से खंजरी लेकर उसे बजाकर कलाकारों का मनोबल को बढ़ाया था. इसी दल ने लखनऊ में आयोजित अंतरराष्ट्रीय जनजातीय उत्सव में लोक कला की प्रस्तुति से बिहार का मान बढ़ाया.
फोटो. 19 पूर्णिया 3- कला भवन सांकेतिक तस्वीरडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है