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कैंसर के लक्षणों के प्रति रहें सचेत, संदेह होने पर कराएं जांच : सीएस

संदेह होने पर कराएं जांच

जिले में उपलब्ध है कीमोथेरेपी सुविधा

पूर्णिया. सम्पूर्ण विश्व में गंभीर और जटिल बिमारी कैंसर की वजह से हर वर्ष लाखों लोग काल के गाल में समा जाते हैं. ज्यादातर मामलों में जांच के दौरान मरीजों में आखिरी चरण में पहुंचे कैंसर के बारे में जानकारी मिलती है जिस स्थिति में उपचार संभव नहीं होता है. लेकिन चिकित्सकों के अनुसार कैंसर के शुरुआती लक्षणों को पहचानने के बाद उसका उपचार संभव हो सकता है. इसलिए लक्षण नजर आते ही लोगों को अविलंब कैंसर की जांच करवानी चाहिए. ससमय लक्षणों की पहचान से इस जानलेवा रोग से मुक्ति संभव है.

चार स्टेज में विभाजित किया जाता है कैंसर

जिला गैर संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ सुभाष कुमार सिंह ने बताया कि ज्यादातर कैंसर के चार लक्षण पाए जाते हैं. प्रथम स्टेज एक की स्थिति में कैंसर का संक्रमण एक छोटे क्षेत्र में सीमित रहता. दुसरे स्टेज में कैंसर में वृद्धि देखी जाती लेकिन फैलाव नहीं होता है. तीसरे स्टेज में कैंसर फैलकर शरीर की अन्य कोशिकाओं को प्रभावित करता है. चौथा स्टेज जिसे एडवांस्ड कैंसर की स्थिति भी कहते हैं, इसमें कैंसर तेजी से शरीर के कई अंगों में फैलता है और कोशिकाओं को नष्ट करता है. डॉ सिंह ने बताया कि व्यक्ति में कैंसर आनुवांशिक, खराब एवं अनियंत्रित दिनचर्या, शराब एवं तंबाकू का सेवन, शरीर पर रेडिएशन का प्रभाव, अंग प्रत्यारोपण आदि से हो सकता है. व्यसनों से दूरी, नियंत्रित दिनचर्या एवं सजगता कैंसर से बचने का सबसे सरल एवं सुगम तरीका है.

शुरुआत में लक्षणों की पहचान जरूरी है

सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया ने बताया कि ओरल व ब्रेस्ट कैंसर की प्रारंभिक पहचान मरीज स्वयं कर सकते हैं. इसके लिए लक्षणों की पहचान जरूरी है. तंबाकू का सेवन करने से मुंह के अन्दर सफेद या लाल छाले, न ठीक होने वाले पुराने जख्म या घाव के साथ पूरा मुंह न खोल पाने जैसी बातों की जांच परीक्षण महीने में एक बार अनिवार्य है. इससे कैंसर के लक्षणों की पहचान होगी. अगर उनमें मुंह के कैंसर के प्रारंभिक लक्षण दिखे, तो तुरंत उन्हें चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए ताकि समय पर ग्रसित मरीजों की पहचान करते हुए उन्हें सुरक्षित किया जा सके. सिविल सर्जन डॉ कनौजिया ने बताया कि कैंसर ग्रसित मरीजों के उपचार के लिए राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में डे केयर सेंटर सुविधा उपलब्ध है जहां कैंसर ग्रसित मरीजों को कीमोथेरेपी सुविधा उपलब्ध कराई जाती है. इसके साथ साथ स्वास्थ्य विभाग द्वारा आवश्यक दवाई भी निःशुल्क दी जाती है.

कैंसर के लक्षण

– मुंह के अंदर या बाहर फोड़ा/जख्म का नहीं भरना.

– जीभ पर सफेद चकत्ता, बलगम, पखाना, पेशाब या जननांग मार्ग से खून आना.

– स्तन में गांठ, स्तन से खून का रिसाव, रजोवृति के बाद रक्तस्राव.

– जननांग मार्ग रिसाव में दुर्गंध

.- चमड़े पर तिल या गांठ के आकार में इजाफा.

फोटो. 17 पूर्णिया 1- सांकेतिक तस्वीर

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