इन्देश्वरी यादव भवानीपुर. भवानीपुर प्रखंड मुख्यालय के भवनदेवी टोला स्थित भवनदेवी भगवती मंदिर असीम आस्था का केंद्र है . भवनदेवी भगवती मंदिर में सैकड़ों वर्षों से माता की पूजा-अर्चना होते आ रही है . यहा साल के सभी दिन दूसरे जिलों से भी श्रद्धालु आते रहते हैं .दुर्गापूजा का अनुष्ठान यहां काफी भव्य तरीके से होती है. स्थानीय बुजुर्गों ने बताया कि लगभग दो सौ वर्षों से से यहां माता भगवती की पूजा-अर्चना की जाती है . इसी प्रसिद्ध भगवती माता के नाम पर जिले की चर्चित आर्थिक मंडी का नाम भवानीपुर पड़ा . जानकार बताते हैं कि शुरुआत में यह स्थान काफी वीरान व चारों तरफ से खुला हुआ था . मां भगवती के मंदिर परिसर खुला रहने के कारण कई जंगली जानवर भगवती मंदिर के इस प्रांगन में घुस जाया करते थे इस बात से क्रुद्ध होकर माता यहां से अन्यत्र चली गयी थी . माता के यहा से चले जाने के बाद इस इलाके में कई प्रकार की महामारियां फैल गयी थी . बुजुर्गों ने बताया कि एक दिन माता ने यहा के वाशिंदों को स्वप्न में दिया कि सुपौली स्थित मंदिर में चली गयी है . इसके बाद स्थानीय लोगों ने काफी श्रध्दापूर्वक पूजन किया .माता को सुपौली से यहां तक लाने के दौरान प्रत्येक कदम पर छागरों की बलि देते हुए माता को वापस भवनदेवी लाया गया था.भवनदेवी विकास समिति के सदस्यों ने बताया कि वर्ष 1905 में महाराज दरभंगा ने इस मंदिर को अपनी जमीन दान दी. वर्तमान में दो एकड़ 85 डिसमिल में मंदिर प्रांगण फैला है. काफी भव्य तरीके से मंदिर के निर्माण के लिए तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी भवानीपुर शिलाजीत सिंह ने स्थानीय लोगों की बैठक कर मंदिर निर्माण पर चर्चा की . कुछ दिन के बाद ही मंदिर निर्माण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया. आज मां भगवती की मंदिर एवं परिसर बना हुआ है. गणेश भगवान का मंदिर ,बजरंगबली का मंदिर एवं गायत्री मंदिर जन सहयोग से बनाया गया है . मंदिर विकास समिति के द्वारा एक भव्य धर्मशाला भी बनाया गया है . . मंदिर के निर्माण करने में मुख्य रूप से रामकुमार सिंह ,मनोज कुमार शर्मा, देवल किशोर साह ,सुशील चौधरी की अहम भूमिका है. फोटो 4 पूर्णिया 8- भवनदेवी मंदिर
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