एपीआई ने करायी विद्या विहार के बच्चों का बीएमआइ जांच
बीएमआइ को संतुलित करने के लिए संतुलित भोजन जरूरी
बीएमआइ को संतुलित करने के लिए संतुलित भोजन जरूरी
पूर्णिया. गैर संचारिक बीमारियों के प्रति चल रहे एपीआई की मुहिम के तहत मंगलवार को विद्या विहार स्कूल में छात्र-छात्राओ की बीएमआई जांच की गयी. इसमें कक्षा 10 एवं 11 के 194 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया. उसके पहले बच्चो के बीच उनके जीवन-शैली व परिवारिक इतिहास पर आधारित प्रश्नावली दी गयी जिनका जबाब बच्चों ने दिया. इस अवसर पर एपीआई के पूर्णिया चेप्टर के अध्यक्ष डॉ. आर के मोदी ने बताया कि बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) एक मेडिकल स्क्रीनिंग टूल है जिसका उपयोग ऊंचाई और वजन माप का उपयोग कर शरीर में मोटापा का अनुमान लगाया जा सकता है. यह कुछ स्वास्थ्य स्थितियों के लिए जोखिम कारकों का आकलन करने में मदद कर सकता है. डॉ आर के मोदी ने बताया कि शरीर में वसा की अधिक मात्रा हृदय रोग, स्ट्रोक और टाइप 2 मधुमेह का कारण बन सकती है. शरीर में वसा की कम मात्रा कुपोषण से संबंधित हो सकती है. शरीर में वसा की सही मात्रा विटामिन और खनिजों को आपके शरीर में जाने में मदद करती है. यह आपके शरीर के लिए ऊर्जा का स्रोत भी प्रदान करता है, शरीर के तापमान को बनाए रखने में मदद करता है और आपके अंगों की रक्षा करता है अतः वसा की मात्रा को संतुलित रखने के लिए इसका प्रयोग संतुलित मात्रा में करना चाहिए.30 से 34.9 बीएमआई मोटापा कहा जायेगा
किसी का बीएमआई आधार 18.5 से कम है तो उसे अंडरवेट कहेगे.18.5 से 24.9 है तो उसे समान्य वजन कहेगे. 25 से 29.9 है तो इसे अधिक वजन कहा जाएगा. 30 से 34.9 मोटापा कहा जाएगा. बीएमआई का कम होना भी स्वस्थ्य के लिए अच्छा नहीं है वह कुपोषण दर्शाता है. बीएमआई अगर ज्यादा होता है तो ऐसे व्यक्तियों को भविष्य में मधुमेह, रक्त प्रवाह, हृदय रोग और कैंसर का खतरा हो सकता है. बीएमआई को संतुलित करने के लिए भोजन भी संतुलित करना आवश्यक है. साथ ही नियमित व्यायाम एवं शरीरिक श्रम करना चाहिए. चर्बीदार भोजन, डिब्बा बंद खाद्य पदार्थ, फास्ट फूड, बर्गर, पिज्जा, मक्खन, आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक, से बीएमआई के बढ़ने का खतरा रहता है.फोटो. 29 पूर्णिया 1- जांच कराते विद्या विहार स्कूल के छात्र
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