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कुसहा त्रासदी में काम आयी लाखों की नाव रखरखाव के अभाव में हुई बेकार

नेपाल भीमनगर कोशी बराज से भारी डिस्चार्ज के बाद बनमनखी प्रखंड में बाढ़ की आशंका बलवती हो गयी है. ऐसे में उन नावों की बरबस चर्चा हो रही है जो वर्ष 2008 में कुसहा त्रासदी में बाढ़ पीड़ितों के काम आयी थीं. लाखों रुपये में खरीदी गयीं ये नावें रखरखाव के अभाव में बेकार हो गयी हैं.

जानकीनगर . नेपाल भीमनगर कोशी बराज से भारी डिस्चार्ज के बाद बनमनखी प्रखंड में बाढ़ की आशंका बलवती हो गयी है. ऐसे में उन नावों की बरबस चर्चा हो रही है जो वर्ष 2008 में कुसहा त्रासदी में बाढ़ पीड़ितों के काम आयी थीं. लाखों रुपये में खरीदी गयीं ये नावें रखरखाव के अभाव में बेकार हो गयी हैं. जानकीनगर थाना परिसर में ये नावें यूं ही बेकार पड़ी सड़ रही हैं. पिछले 16 वर्षों में बाढ़ में लोगों के बचाव के लिए मंगवायी गयी लाखों रुपए की नाव की कभी प्रशासन ने सुध तक नहीं ली. यही कारण है कि जानकीनगर थाना परिसर में खुले आसमान के नीचे नावें धूप – बरसात झेल रही हैं. इस बाबत अंचल पदाधिकारी बनमनखी अजय कुमार ने बताया कि जानकीनगर थाना परिसर में खराब पड़ी नाव के बारे में कोई जानकारी नहीं है. फिलहाल छह नाव उपलब्ध है जिसमें पांच नाव प्राइवेट है. पांच नाव के लिए एनजीओ से बातचीत चल रही है.जरूरत पड़ने पड़ मुहैया करायी जाएगी. सीओ ने बताया कि 35 गांव को चिह्नित किया गया है जिसकी लगभग आबादी 16 हजार है. सामुदायिक किचन के लिए 21 स्थल है और ऊंचे शरणस्थल भी 21 हैं. 24 घंटे गोताखोर को प्रतिनियुक्त कर दिया गया है.

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