Bihar News: सीबीआइ की पटना स्थित एक विशेष अदालत ने फर्जी एनकाउंटर के मामले में शुक्रवार को एक पूर्व थाना अध्यक्ष समेत दो पुलिसकर्मियों को दोषी करार दिया है.अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नवम सह विशेष न्यायाधीश अविनाश कुमार ने मामले में सुनवाई के बाद पूर्णिया के बड़हरा थाना के पूर्व थानाध्यक्ष मुखलाल पासवान को भारतीय दंड विधान की धारा 302, 201, 193 और 182 के तहत दोषी करार दिया. जबकि बिहारीगंज थाना के दारोगा अरविंद कुमार झा को भारतीय दंड विधान की धारा 193 के तहत दोषी करार दिया है.
आरोपितों को न्यायिक हिरासत में लेने के बाद जेल भेजा
बता दें कि दोनों अभियुक्त इस मामले में जमानत पर थे. दोनों अभियुक्तों का बांड रद्द करते हुए विशेष अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में लेने के बाद जेल भेज दिया. सजा के बिंदु पर सुनवाई 8 अक्टूबर 2024 को होगी.वहीं, दूसरी ओर अदालत ने इसी मामले में अभियुक्त बनाए गए दारोगा कुमार संजय और सिपाही राम प्रकाश ठाकुर को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया.
क्या है फर्जी एनकाउंटर का मामला?
वर्ष 1998 में पुलिस ने अपराधी की तलाश में संतोष कुमार सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी. मामला वर्ष 1998 का है. आरोप के अनुसार एक अपराधी की तलाश में पुलिस ने पूर्णिया के बिहारीगंज थाना क्षेत्र स्थित फिद्दी की बस्ती गांव में जगदीश झा के घर की घेराबंदी की और संतोष कुमार सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी. पुलिस ने इस घटना को एनकाउंटर का रूप देने का प्रयास किया था.
सीबीआई को सौंपी गयी थी जांच
मामले की जांच पहले स्थानीय पुलिस के स्तर पर की गई, बाद में मामले की जांच सीबीआइ को सौंप गई थी. सीबीआइ ने 16 मार्च 2001 को आइपीसी की घारा 302 और 34 मुकदमा दर्ज किया था.इस मामले में सीबीआइ ने आरोप साबित करने के लिए 45 गवाहों का बयान अदालत में कलम बंद करवाया था और 20 दिसंबर 2002 को चार्जशीट दाखिल किया था.