जिला पशुपालन पदाधिकारी से 1.20 लाख रुपये की ठगी
जिला पशुपालन पदाधिकारी ने साइबर थाना में अज्ञात अपराधियों के खिलाफ ऑनलाइन शिकायत दर्ज करायी है
पूर्णिया. साइबर अपराधियों के झांसे में आकर पूर्णिया के जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ संजय कुमार ने 1.20 लाख रुपये गंवा दिये. जिला पशुपालन पदाधिकारी ने साइबर थाना में अज्ञात अपराधियों के खिलाफ ऑनलाइन शिकायत दर्ज करायी है. केहाट थानाध्यक्ष कौशल कुमार ने बताया कि इस मामले में आवेदन प्राप्त हुआ है. इस मामले की जांच साइबर थाना की पुलिस करेगी. घटना के संबंध में जिला पशुपालन पदाधिकारी ने बताया कि उनका पुत्र बेंगलुरू में रहकर बीबीए की पढ़ाई कर रहा है. बीते गुरुवार को दिन के 11 बजे के करीब मोबाइल नंबर 9301968145 से उनके मोबाइल नंबर 9334098742 पर अज्ञात व्यक्ति ने वाट्सअप कॉल कर कहा कि उनका पुत्र रेप केस में फंस गया है. उसे फांसी की सजा से बचाने के लिए तुरंत ढाई लाख रुपये भेज दें ताकि रेप पीड़िता, थाना और वकील को रुपये देकर मैनेज करना होगा. उन्होंने बताया कि फोन पर बार-बार पापा बचा लीजिये कि रोने की आवाज भी सुनाई दे रही थी. उन्हें लगा कि उनका ही बेटा रो रहा है. रोने की आवाज सुनकर वह काफी घबरा गये और आनन-फानन में चार बार में एक लाख बीस हजार रुपये साइबर अपराधियों के दिये गये बैंक खाता में गूगल पे द्वारा भेज दिये रुपये.
बेटा से बात करने पर खुला राज :
जिला पशुपालन पदाधिकारी ने बताया कि कॉल आने के बाद वह इतना घबरा गये कि उन्हें कुछ समझ में नहीं आ रहा था. उन्होंने बिना सोचे-समझे पैसे भेज दिये. बाद में जब वह अपने पुत्र से मोबाइल पर बात की तो वह पूरी तरह सुरक्षित था और इस प्रकार की किसी भी घटना से उसने अपनी अनभिज्ञता जतायी. उन्होंने बताया कि बेटा से बात होने के बाद उन्हें पता चला कि वह साइबर अपराधियों द्वारा ठगी के शिकार हुए हैं.अभी भी बार-बार आ रहा है कॉल :
जिला पशुपालन पदाधिकारी ने बताया कि बांकी पैसे के लिए अभी भी साइबर अपराधी नंबर बदल-बदल कर उन्हें फोन कर रहा है. हालांकि अब वे कॉल रिसीव नहीं कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस संबंध में साइबर थाना की पुलिस को जानकारी दे दी गयी है.इससे पहले भी हुई है घटना :
साइबर अराधियों के चंगुल में किसी सरकारी पदाधिकारी के फंसने की यह पहली घटना नहीं है. इससे पहले 24 सितंबर 2022 को भी साइबर अपराधियों ने पूर्णिया कमिश्नर का फोटो लगाकर व्हाट्सऐप से जिला उप निर्वाचन पदाधिकारी श्रीनिवास को मैसेज भेज कर एक लाख रुपये की मांग की थी. आनन-फानन में अधिकारी ने अमेजन पे से एक लाख ट्रांसफर कर दिया. बाद में कमिश्नर को फोन कर पैसे भेजने की सूचना दी तो ठगी का पता चला.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है