– शुद्धिकरण पूजा के बाद ही मनरेगा पोखर पर कोई भी धार्मिक आयोजन करने पर ग्रामीण अडिग प्रतिनिधि, बनमनखी. बनमनखी नगर परिषद वार्ड नं 20 विशनपुरदत्त एनएच 107 से सटे महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत 2021में बने छठ सीढ़ीघाट पोखर में जठ पूजा नहीं होने से छठव्रती महिलाएं अपने अपने दरवाजे पर या दूर दराज के पोखरों में छठ पूजा करने के लिए विवश है. 3 साल गुजरने के बाद भी छठ घाट पोखर में जठ नहीं गड़ाया गया है. वेद पुराणों के मुताबिक पोखर में जब तक विधि विधान के तहत विधिवत रूप से वैदिक मंत्रोच्चारण से जठ गड़ा कर उसकी पूजा सम्पन्न नहीं होती है तब तक पोखर को अशुद्ध माना जाता है. पंडित आचार्य नवीन झा वेद पुराणों में साफ साफ लिखा है कि जिस पोखर में जठ गड़ा हुआ नहीं है वह पोखर अशुद्ध माना गया है. उस पोखर में किसी भी तरह की धार्मिक उत्सव मनाना वर्जित है. पोखर में जठ गड़ाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. कहा कि वेद पुराणों में लिखा हुआ है. सनातन धर्म संस्कृति के अनुसार जिस पोखर का,कुंआ का यज्ञ नहीं हुआ है उस पोखर और उस कुआं का जल शुद्ध नहीं होता है. इसलिए उस पोखर और कुवाँ में यज्ञ करना वंचित है. सनातन धर्म का प्रतीक है जिस पोखर या कुवाँ का यज्ञ हो गया है उसी में धार्मिक उत्सव मनाया जाएगा. पोखर में जठ गड़ाने का विधि विधान सर्वभूतों मन्त्र का उच्चारण किया जाता है. स्वस्ति वाचन किया जाता है और सभी देवी देवताओं का आह्वान किया जाता है. वेद पुराणों में जठ के लिए सखुवा,खैर या बेल की लकड़ी को शुद्ध माना गया है .बेल में वरुण देवता का वास होता है. जल के देवता वरुण हैं. इसलिए जठ के लिए खैर या बेल की लकड़ी ही अनिवार्य है. जठ की विधिवत रूप से वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ सभी देवी देवताओं का आह्वान के पश्चात पूजन कर पोखर के बीचोंबीच गाड़ा जाता है. तब जाकर पोखर के जल का शुद्धिकरण होता हैऔर धार्मिक उत्सव मनाया जाता है. लाखों खर्च हुए पर सब बेकार नगर परिषद वार्ड नं 20 विशनपुर दत्त निवासी गणेश मंडल, चंद्रशेखर शर्मा ने बताया कि सरकार छठ घाट पोखर का सौंदर्यीकरण में लाखों रुपए खर्च कर चुकी है.लेकिन पोखर में जठ नहीं होने के कारण छठ पूजा में छठव्रती पोखर में पूजा करने से वंचित रह जाते हैं. किसी भी प्रकार का धार्मिक महोत्सव नहीं हो सकता है. प्रशासन को इसपर ध्यान दे. सरकारी प्रावधान नहीं फिर भी कर रहे पहल : एसडीओ अनुमंडल पदाधिकारी चंद्रकिशोर सिंह ने बताया कि पोखर का शुद्धिकरण ,पोखर में जठ गड़ाना सरकारी प्रावधानों में नहीं है. लेकिन पोखर की शुद्धिकरण नहीं होने से छठ सीढ़ी घाट पोखर में छठव्रती छठ पूजा नहीं होती है. ग्रामीणों की जिज्ञासा को देखते हुए अपने स्तर से शुद्धिकरण करवाने की कोशिश कर रहा हूं. फिलहाल कुछ लोगों से इस मुद्दे पर बात हुई है. लोगों का कहना है कि पोखर में अभी बहुत ज्यादा पानी है. फरवरी, मार्च के महीने में पोखर की शुद्धि होगी. फ़ोटो परिचय :- 18 पूर्णिया 21- छठ सीढ़ी घाट पोखर
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