पूर्णिया. स्वास्थ्य विभाग द्वारा कुपोषित बच्चों की पहचान एवं उन्हें पोषण पुनर्वास केंद्र भेजकर सुपोषित करने को लेकर सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया ने अर्द्धवार्षिक समीक्षा बैठक बुलायी. उक्त बैठक में सभी प्रखंड के स्वास्थ्य और आईसीडीएस अधिकारियों को अपने क्षेत्र के कुपोषित बच्चों की पहचान करते हुए उन्हें पोषण पुनर्वास केंद्र भेज कर सुपोषित करने का आवश्यक निर्देश दिया गया. समीक्षा बैठक में अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ आर पी मंडल ने कहा कि कुपोषित बच्चों को आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (जीएमसीएच) कैम्पस में पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) का संचालन किया जा रहा है जिसमें उम्र के अनुसार बच्चों के वजन में वृद्धि नहीं होने पर मेडिकल सहायता प्रदान किया जाता है. एसीएमओ ने कहा कि जन्म के बाद बच्चों के वजन और 01 महीने के अंदर बच्चों के पोषण विकास का मूल्यांकन करते हुए कुपोषित बच्चों की पहचान कर उन्हें पोषण पुनर्वास केंद्र भेजकर चिकित्सकों की निगरानी द्वारा सुपोषित किया जा सकता है. पोषण पुनर्वास केंद्र में 01 महीने से 59 महीने के बच्चों को भर्ती करते हुए उन्हें सुपोषित किया जा सकता है.
पोषण पुनर्वास केंद्र में उपलब्ध रहते हैं चिकित्सक और कर्मी
पोषण पुनर्वास केंद्र के नोडल अधिकारी सह जिला कार्यक्रम समन्यवक (डीपीसी) डॉ सुधांशु शेखर ने बताया कि कुपोषित बच्चों का इलाज करने के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र में विशेषज्ञ चिकित्सक और पोषण अधिकारी उपस्थित रहते हैं. पूर्णिया पोषण पुनर्वास केंद्र में 06 मेडिकल अधिकारी, 06 एएनएम/नर्सिंग स्टाफ, 01 पोषण विशेषज्ञ, 02 रसोई कर्मी, 01 अस्पताल क्लीनर उपस्थित रहते हैं. उनके द्वारा उपस्थित बच्चों को समय समय पर आवश्यक पोषण के साथ साथ मेडिकल सहायता प्रदान किया जाता है. बेहतर पोषण के लिए बच्चों को पोषण विशेषज्ञ की उपस्थिति में आवश्यक फल, दलिया, हलवा, खिचड़ी, अंडा, दूध से निर्मित पोषण सामग्री, साबूदाना का खीर, मुर्मुरा पाउडर-तेल और चीनी के साथ बना हुआ भोजन उपलब्ध कराया जाता है. शारीरिक विकास के लिए केंद्र में बच्चों के खेलने की व्यवस्था भी उपलब्ध रहती है जिससे बच्चों का निर्धारित समय में आवश्यक विकास सुनिश्चित करते हुए सुपोषित किया जाता है.
परिजनों के लिए भी अस्पताल में रहने एवं पोषण सुविधा उपलब्ध
सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया ने कहा कि पोषण पुनर्वास केंद्र में कुपोषित बच्चों के इलाज के दौरान अस्पताल में उनके एक परिजन के भी रहने की सुविधा उपलब्ध है. बच्चों के साथ साथ उनके परिजनों को भी पोषण सुविधा उपलब्ध कराते हुए बच्चों को घर में रहने पर सही पोषण का उपयोग करने की जानकारी दी जाती है. अस्पताल में उपस्थित परिजनों को भी नाश्ता और भोजन उपलब्ध कराये जाते हैं साथ ही उन्हें स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रतिदिन के अनुसार सहयोग राशि भी बैंक खाते में भेजी जाती है. पोषण पुनर्वास केंद्र के ठीक होने के बाद भी बच्चों को 04 बार फॉलोअप के लिए अस्पताल बुलाया जाता है और उनके पोषण स्थिति की स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा जानकारी ली जाती है.बैठक में सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया के साथ एसीएमओ डॉ. आर पी मंडल, आईसीडीएस डीपीओ अनिता कुमारी, मेडिकल कॉलेज शिशु विशेषज्ञ डॉ प्रेम प्रकाश, यूनिसेफ राज्य अधिकारी डॉ राजेश कुमार और गगन गौतम, सीडीओ डॉ कृष्ण मोहन दास, डीसीएम संजय कुमार दिनकर, डीपीसी डॉ सुधांशु शेखर, डीएमएनई आलोक कुमार, डीसीक्यूए डॉ अनिल कुमार शर्मा, यूनिसेफ जिला कन्सल्टेंट निधि भारती, अमित कुमार, पिरामल जिला लीड चंदन कुमार, एफपीसी सनत गुहा के साथ पोषण पुनर्वास केंद्र के अधिकारी, सभी प्रखंड और शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीसीएम, आईसीडीएस सीडीपीओ और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.
फोटो -29 पूर्णिया 4- बैठक को संबोधित करते सिविल सर्जनडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है