महज प्रस्तावों में सिमटा उपेक्षित ब्रिटिशकालीन डाकबंगला का संरक्षण
अमौर
प्रतिनिधि, अमौर. विगत कई दशक से खंडहर में तब्दील अमौर प्रखंड मुख्यालय स्थित ब्रिटिशकालीन डाकबंगला भवन का धरोहर के रूप में सरंक्षण महज प्रस्तावों में सिमट कर रह गया है. इसी परिसर में दूसरे भवन का जीर्णोद्धार करनेवाली जिला परिषद इस ऐतिहासिक भवन के लिए आवंटन की बाट जोह रही है. इस संबंध में जिला परिषद अध्यक्ष वाहिदा सरवर के प्रतिनिधि गुलाम सरवर ने बताया कि पुराने जर्जर डाकबंगला भवन का जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण का प्रस्ताव आवंटन के अभाव में लंबित है. योजना राशि आवंटित होने के बाद इस पर भी काम होगा . कर वसूली व समाधान का केंद्र आज खुद समस्याग्रस्त ब्रिटिशकाल में इस डाकबंगला भवन का उपयोग रात्रि विश्राम के लिए हुआ करता था. साथ ही साल तमामी वसूली यानी कर वसूली का भी यह केंद्र होता था. आजादी के बाद इस डाक बंगला भवन का उपयोग क्षेत्रीय प्रतिनिधियों, मंत्रियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा विश्राम व जनसमस्याओं के समाधान के लिए किया जाता था जो आज किसी लायक नहीं रहा है . परिसर में 16 कमरे के मार्केटिंग यार्ड का लेखाजोखा जरूरी इस डाकबंगला भवन परिसर में वर्षो पूर्व 16 कमरे का मार्केटिंग यार्ड का निर्माण भी किया गया जो बायसी-रौटा स्टेट हाइवे पर अवस्थित है . इस मार्केटिंग यार्ड के कमरे को किस आधार पर किसको आवंटित किया गया है और इसका किराया कौन वसूल कर रहा है इसका लेखाजोखा सार्वजनिक करने की मांग उठ रही है . आठ साल पहले जिला पार्षद ने दिया था आवेदन जनवरी 2017 में तत्कालीन क्षेत्रीय जिला परिषद सदस्या नूरसमा ने इस ऐतिहासिक धरोहर डाकबंगला भवन को बचाने के लिए जिला परिषद् अध्यक्ष एवं उपविकास आयुक्त से गुहार लगायी थी. लिखित आवेदन पत्र देकर अमौर डाकबंगला भवन की जर्जर स्थिति से अवगत कराते हए डाकबंगला भवन का जीर्णोद्धार व सौन्दर्यीकरण कराये जाने, डाकबंगला मार्केटिंग यार्ड कमरे के आवंटन की जांच पड़ताल कर आवश्यक कार्यवाई किये जाने का अनुरोध किया था. तत्कालीन अध्यक्ष व डीडीसी ने की थी जांच इस आवेदन पर तत्कालिन जिला परिषद् अध्यक्ष क्रांति देवी एवं उपविकास आयुक्त रामाशंकर द्वारा स्थलीय निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया गया था. अध्यक्ष व डीडीसी ने अधीनस्थ पदाधिकारियों को इसके कायाकल्प की दिशा में आवश्यक मार्गदर्शन भी किया था. विधायक ने की थी कोशिश, पर नहीं बन पाया डीपीआर क्षेत्रीय विधायक अख्तरूल इमान ने भी जुलाई 2021 में विभागीय एसडीओ जयप्रकाश ठाकुर, जूनियर इंजीनियर धीरज कुमार राय, एक्सक्यूटिव संजीव नयन के साथ इस जर्जर डाकबंगला भवन का निरीक्षण किया था और कहा था कि अमौर का यह डाकबंगला भवन हमारी ऐतिहासिक धरोहर है . इस डाकबंगला भवन का नये सिरे से निर्माण कर सौन्दर्यीकरण किया जायेगा. डाकबंगला परिसर में मार्केटिंग यार्ड का निर्माण कर रोजगार का अवसर मुहैया कराया जायेगा . मगर आजतक यह कोशिश डीपीआर तक नहीं पहुंच पायी. दो दशक पहले बने भवन का हो गया कायाकल्प तत्कालीन सांसद मो तस्लीमुद्दीन ने दो दशक पहले डाकबंगला परिसर में एक और भवन का निर्माण कराया था. इस भवन का कायाकल्प जिला परिषद ने कराया है. जिला परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि गुलाम सरवर ने बताया कि जिला परिषद अध्यक्ष वाहीदा सरवर की ओर से स्वीकृति की मोहर लगाने के बाद 17.01.2023 को विधिवत शिलान्यास कर निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया जो पूरा हो चुका है. पंचम राज्य वित्त आयोग की 5.88 लाख की राशि से रंगरोगन व टाइल्स लगाकर जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण किया गया है. सड़क व प्रवेश द्वार का भी हुआ काम इसके अलावे डाकबंगला भवन परिसर के दक्षिण द्वार से पश्चिम द्वार तक 5. 46 लाख की लागत से पीसीसी सड़क का निर्माण एवं डाक बंगला भवन परिसर के पूर्वी भाग में 7.40 लाख की लागत से चहारदीवारी का निर्माण व पश्चिम गेट में ग्रील गेट का निर्माण कराया गया है . फोटो. 14 पूर्णिया 8- अमौर में जर्जर स्थिति को दर्शाती ऐतिहासिक डाकबंगला भवन.
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