महापौर को चुनने व हटाने का अधिकार पार्षदों के पास हो : पार्षद
महापौर को चुनने व हटाने का
पूर्णिया. नगर निगम के करीब आधा दर्जन से अधिक पार्षदों ने नगर विकास विभाग एवं आवास विभाग के मंत्री को पत्र लिख कर कहा है जब से महापौर को चुनने व हटाने का अधिकार पार्षदों से छीना गया है, तभी से पार्षदों का मान सम्मान बिल्कुल समाप्त हो गया है. इससे नगर निकाय में अराजकता का माहौल बना हुआ है. पार्षदों ने कहा है कि बिहार पार्षद अधिकार महासंघ के बैनर तले प्रतिनिधियों ने भी पार्षदों ने पटना में नगर विकास एवं आवास मंत्री नितिन नवीन से मुलाकात कर कई मांग रख चुके हैं. पार्षदों ने मंत्री से यह भी मांग की है कि तत्काल नगर निकायों के सशक्त स्थाई समिति को चुनने व हटाने का अधिकार पार्षदों को दिया जाए. पार्षदों ने कहा है कि विहार नगर निकाय के जनता के द्वारा अपने विश्वास पर चुने गए निर्वाचित जनप्रतिनिधि है. जो हमेशा अपने-अपने क्षेत्र में विकास को लेकर काफी तत्पर रहने वाले हैं. हम पार्षदों को इस सेवा भाव के लिए व्यवस्था के नाम पर मात्र 2100 रूपये महीना का भुगतान होता है. हमलोगों को जनप्रतिनिधि निर्वाचित होने के लिए कई शतों का पालन करना पड़ता है और अधिकार के नाम पर हमलोगो को मुख्य पार्षद चुनने का अधिकार नहीं है. इतना ही नहीं पार्षदों को अपने सदन और स्थाई समिति का व प्रोसेंडिग देखने का भी अधिकार नहीं है. बिहार नगर निकाय में पहली बार 2022 में मुख्य पार्षद को चुनने का अधिकार वार्ड पर्षदों से छीन लिया गया और मुख्य पार्षद का चुनाव सीधे जनता द्वारा कर दिया गया जो हम पार्षदों के अधिकार का हनन है. पार्षदों ने बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 की धारा 25 (4) को अविलंब लागू करने की मांग की. मंत्री को मांगपत्र देने वाले पार्षदों में वार्ड 35 के पार्षद लखेन्द्र कुमार साह, वार्ड 05 की पार्षद निर्जला देवी, वार्ड 16 की पार्षद फातिमा, वार्ड 02 के पार्षद राजीव रंजन सहाय, वार्ड 03 की पार्षद दीपा भारती, वार्ड 32 के पार्षद मो. सिताब, वार्ड 12 के पार्षद रवि शंकर, वार्ड 14 के पार्षद सुरेश सिंह, वार्ड 24 की पार्षद राखी देवी शामिल हैं.
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