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पुलिस सुरक्षा में सीएसपी संचालक को मारी गोली, लूटे पांच लाख, आक्रोशितों ने थाने में की तोड़फोड़

पूर्णिया में बैंक से पुलिस सुरक्षा में बैंक से पांच लाख रुपये लेकर निकले सीएसपी संचालक को अपराधियों ने गोलियों से भून दिया. इस दौरान सुरक्षा में रहे पुलिस कर्मी मौके से भाग खड़े हुए

Bihar News: पूर्णिया के बनमनखी में पुलिस सुरक्षा में स्टेट बैंक से रुपये लेकर निकले सीएसपी संचालक सुभाष मिश्रा (45) को अपराधियों ने गोलियों से भून दिया और पांच लाख रुपये लूट लिये. वारदात के दौरान पुलिस के दोनों गार्ड मौके से जान बचाकर भाग गये. घटना के विरोध में शव के साथ उग्र भीड़ ने बनमनखी थाना में तोड़फोड़ मचायी और पुलिस कर्मियों को खदेड़ दिया.

शुक्रवार को दिन के तीन बजे बनमनखी थानाक्षेत्र के हृदयनगर और रसाढ़ के बीच में नहर के समीप यह वारदात हुई. मृतक सीएसपी संचालक सुभाष मिश्रा बनमनखी के हरिमूढ़ी पंचायत के रसाढ़ गांव के निवासी थे. पुलिस ने शाम पांच बजे तीन घंटे की मोहलत मांगी. बनमनखी एसडीपीओ हुलास कुमार ने बताया कि दोनों गार्ड को निलंबित किया जा रहा है. घटना के उद्भेदन में अररिया जिले की पुलिस की भी मदद ली जा रही है.

जान बचाकर भागे गार्ड

जानकारी के अनुसार, सीएसपी संचालक सुभाष मिश्रा पिछले दो साल से पुलिस की सुरक्षा में ही बैंक से लेनदेन करते थे. शुक्रवार को भी दो गार्ड के साथ वे बनमनखी स्थित स्टेट बैंक आये थे. बनमनखी एसबीआइ के प्रबंधक कपिलदेव तिवारी ने बताया कि सीएसपी संचालक सुभाष मिश्रा ने पांच लाख रुपये की निकासी की थी. बैंक से निकलने के बाद वह बाइक पर दोनों गार्ड को लेकर रसाढ़ लौट रहे थे.

हृदयनगर और रसाढ़ के बीच में नहर के समीप एक बाइक पर सवार दो या तीन अपराधियों ने उन्हें घेर लिया और उनपर ताबड़तोड़ गोलियां चलानी शुरू कर दी. इस हमले में दोनों गार्ड जान बचाकर भाग खड़े हुए. घटना की सूचना मिलने पर एसडीपीओ हुलास कुमार, थानाध्यक्ष राजकुमार चौधरी समेत पुलिस पदाधिकारियों ने घटनास्थल की जांच की.

उग्र भीड़ ने थाना पर बोला धावा

पुलिस सुरक्षा के बावजूद पांच लाख लूट के दौरान सीएसपी संचालक सुभाष मिश्रा को गोलियों से भूने जाने की घटना से पूरा बनमनखी स्तब्ध रह गया. जिसे भी घटना की जानकारी मिली वह दौड़ा-दौड़ा बनमनखी अनुमंडलीय अस्पताल पहुंच गया. देखते-देखते अस्पताल में जुटी भीड़ उग्र हो गयी. इसके बाद अस्पताल से स्ट्रेचर पर शव को लेकर उग्र भीड़ करीब आधा किमी दूर बनमनखी थाना पहुंची. जबतक में पुलिस मौके की नजाकत को भांप पाती तबतक में भीड़ बेकाबू हो गयी और बनमनखी थाना में तोड़फोड़ मचाना शुरू कर दिया.

उत्तेजित भीड़ को रोकने गयी पुलिसकर्मियों को अपनी जान बचाकर वहां से भागना पड़ा. इसके बाद उग्र भीड़ मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए थाना परिसर में डटी रही. काफी मशक्कत के बाद एसडीपीओ हुलास कुमार, थानाध्यक्ष राजकुमार चौधरी ने आसपास के थानों की पुलिस की मदद से स्थिति को नियंत्रित किया.

मृतक की पत्नी ने एसडीपीओ को सौंपा मांगपत्र

मृतक सीएसपी संचालक सुभाष कुमार मिश्रा की पत्नी खुशबू कुमारी ने पांच सूत्री मांगपत्र एसडीपीओ को दिया. इसमें लापरवाह दोनों थानाकर्मी को बर्खास्त करने, मृतक के आश्रित को सरकारी नौकरी देने, मृतक के बच्चों के भरण-पोषण के लिए 15 लाख , हृदयनगर और रसाढ़ के बीच पुलिस चौकी बनवाने और अपराधियों की
अविलंब गिरफ्तारी व स्पीडी ट्रायल के तहत कड़ी सजा दिलाने की मांग की.

पुलिस के गार्ड पर अपराधियों से सांठगांठ का आरोप

घटना के बाद मृतक सीएसपी संचालक सुभाष कुमार मिश्रा के परिजनों ने पुलिस के दोनों गार्ड पर ही अपराधियों से साठगांठ होने का आरोप लगाया. परिजनों का आरोप है कि पुलिस से भरोसा टूट गया है. आखिर अपराधियों को कैसे रुपये निकालने और उस समय गुजरने की भनक लगी. पुलिस के दोनों गार्ड ने अपराधियों को मुकाबला क्यों नहीं किया. आखिर सीएसपी संचालक सुभाष कुमार मिश्रा खुद भी तो निहत्थे थे. परिजनों का आरोप है कि हथियारबंद अपराधियों से सुरक्षा के लिए पुलिस लाठीधारी को सुरक्षा में भेजती है जो पुलिस की लापरवाही को दर्शाता है.

एक साथ कई गोलियां मारने के ट्रेंड से बनमनखी सन्न

सीएसपी संचालक सुभाष कुमार मिश्रा से पांच लाख लूट के दौरान अपराधियों ने उन्हें कई गोलियां मारीं. लूटपाट के दौरान गोलियों से भूनने की घटना से जहां बनमनखी सन्न है तो वहीं पुलिस भी काफी सकते में है. पुलिस सुरक्षा में दुस्साहस को देखकर चर्चा है कि अपराधी पूरी तरह से तैयारी में आये थे. अपराधियों ने किस प्रकार के हथियार का इस्तेमाल किया, कितनी गोलियां चलायी और घटनास्थल से कितने खोखे बरामद हुए. इन सवालों पर से पुलिस की ओर से जल्द ही परदा उठाये जाने की संभावना है.

दो साल पहले तीन बार हुए थे लूटपाट के शिकार

जानकारी के अनुसार, मृतक सीएसपी संचालक सुभाष मिश्रा के साथ इससे पूर्व भी तीन बार घटना हो चुकी है. ये सभी घटनाएं दो साल पहले हुई थी. इसके बाद से ही उन्हें जब भी बड़ी रकम की जरूरत होती तो निकासी के लिए वे पुलिस सुरक्षा की गुहार लगाते. पुलिस सुरक्षा मिलने के बाद ही वे बैंक से रुपये की निकासी करते.

थाना गेट पर शव रख एसपी को बुलाने पर अड़े

सीएसपी संचालक सुभाष कुमार मिश्रा की हत्या के बाद शुक्रवार की शाम 7 बजे तक भीड़ उग्र बनी रही. थाना गेट पर शव को रखकर एसपी को बुलाने की मांग पर लोग अड़ रहे.

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