पीजी नामांकन में आभासी प्राप्तांक पर यूएमआइएस का बचाव, साइबर कैफे पर विवि ने फोड़ा ठीकरा
साइबर कैफे पर विवि ने फोड़ा ठीकरा
पूर्णिया. पीजी नामांकन को लेकर ऑनलाइन आवेदन के बाद आभासी प्राप्तांक प्रदर्शित होने पर पूर्णिया विवि उलझ गया है. चूंकि वास्तविक प्राप्तांक और आभासी प्राप्तांक में जमीन-आसमान का अंतर है, इसलिए मेरिट लिस्ट ही सवालों से घिर गयी है. ऐसे में नामांकन लेने से पहले मूल अंकपत्र के सत्यापन की नौबत आ रही है. इससे उबरने के लिए पूर्णिया विवि ने यूएमआइएस का बचाव करते हुए सारा ठीकरा सीमांचल में संचालित साइबर कैफे पर फोड़ दिया है. विवि का आरोप है कि साइबर कैफे संचालकों ने ऑनलाइन आवेदन करते वक्त वास्तविक से अधिक प्राप्तांक दर्ज किया. पूर्णिया विवि ने ऐसे साइबर कैफे का चिह्नित करते हुए पुलिसिया कार्रवाई की भी चेतावनी दी है. इस संबंध में विवि मीडिया पदाधिकारी प्रो अंजनी कुमार मिश्रा की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार विवि सीनेट हॉल में गुरुवार को कुलपति प्रो पवन कुमार झा की अध्यक्षता में पीजी विभाग के विभागाध्यक्षों की बैठक हुई. सभी विभाग के अध्यक्षों ने बताया कि छात्र-छात्राओं द्वारा ऑनलाइन आवेदन के समय प्राप्तांक को अधिक अंकित किया है जिससे मेरिट लिस्ट तैयार करने में कठिनाई हो रही है. विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने तय किया कि ओरिजिनल मार्कशीट के बिना वेरिफिकेशन के नामांकन नहीं लिया जाएगा. जब विभागाध्यक्षों ने अंको की प्रतिशत की जांच करना शुरू किया तो छात्र छात्राएं अपनी गलती की जगह साइबर कैफे वाले को दोषी बता रहे हैं. इस पर कुलपति ने कहा कि यह तो विश्वविद्यालय के साथ बहुत बड़ी धोखेबाजी है. चारों जिला के पुलिस अधीक्षक को पत्र के द्वारा इसकी सूचना दी जायेगी. ऐसे साइबर कैफे जो इसमें संलिप्त हैं उनपर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. 18 अक्टूबर को प्रथम लिस्ट पर नामांकन का अंतिम दिन है. द्वितीय नामांकन सूची चार-पांच दिनों के बाद प्रकाशित की जायेगी. जिन महाविद्यालय मे पीजी की पढ़ाई होती है वहां के सभी प्रधानाचार्य को निर्देशित किया जाता है कि दिनांक 18. 10 .24 को संध्या 7 बजे तक नामांकन की अंतिम जानकारी विश्वविद्यालय को समर्पित कर देंगे.
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