पूर्णिया. तृतीय जिला स्तरीय अंतर विद्यालय शतरंज प्रतियोगिता में अंडर-7 में कियारा गोलछा, अंडर-9 में समर्थ आनंद, अंडर-11 में चारवी वेद और अंडर-15 में अक्षत विजेता घोषित किये गये. प्रतियोगिता में जिले से 86 खिलाड़ियों ने भाग लिया. यह प्रतियोगिता अंडर-7, 9, 11 और अंडर-15 ग्रुपों में आयोजित की गयी थी. प्रतियोगिता में पुरस्कृत खिलाड़ियों में अंडर-7 में प्रथम कियारा गोलछा, द्वितीय अधरव राज और तृतीय स्थान और शिवांश धैर्य हुए. इसी तरह अंडर-9 में प्रथम स्थान पर समर्थ आनंद, द्वितीय आयुष राज और तृतीय स्थान पर कृपाली पात्रा हुए. वहीं अंडर-11 में प्रथम स्थान पर चारवी वेद, द्वितीय स्थान पर कमलनाथ दर्शन और तृतीय स्थान पर मयुख गुरु माता हुए. जबकि अंडर-15 में प्रथम स्थान पर अक्षत, द्वितीय स्वास्तिक राज और इमर्जिंग प्लेयर के अवार्ड कुमारआर्ययस को दिया गया. इस मौके पर समारोह के मुख्य अतिथि के तौर पर आये जिला पदाधिकारी कुंदन कुमार ने बच्चों को बच्चों को मोमेंटों व सर्टिफिकेट देकर हौसला बढ़ाया. इस मौके पर सीनियर डिप्टी कलेक्टर सह जिला खेल पदाधिकारी डेजी रानी मौजूद थीं. इस मौके पर डॉक्टर अभय गुरुमाता मुख्य निर्णायक किशनगंज के नीरज खान, मधेपुरा के रितेश कुमार शामिल हुए. मंच संचालन टारगेट गेम चेस क्लब के सचिव सा अंतरराष्ट्रीय रिलेटेड खिलाड़ी अमृत साजन ने की.
शतरंज खेलने से मेमोरी बूस्ट होती है : डीएम
इस दौरान डीएम ने शतरंज खेल के बारे में बच्चों से कई सवाल भी पूछे. उन्होंने शतरंज खेल से अनगिनत लाभ के बारे में भी बच्चों को जानकारी दी. डीएम ने कहा शतरंज खेल खेलने से एक साथ कई फायदें हैं. यह दिमाग को तेज करके आईक्यू लेवल को बेहतर बनाता है. इस गेम से सीखने की क्षमता भी तेजी से डेवलप होती है. शतरंज एक ऐसा खेल है जिसे बच्चे-बड़े सभी खेलना पसंद करते हैं. शतरंज से व्यक्ति ज्यादा क्रिएटिव बनता है. शतरंज खेलने से मेमोरी बूस्ट होती है. डीएम ने कहा जब बच्चे स्कूल में शतरंज सीखते हैं तो उनकी पढ़ाई पर भी इसका अच्छा प्रभाव पड़ता है. पढ़ते समय उनकी याददाश्त और पढ़ाई पर फोकस करने में सुधार होता है.
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