चिकित्सकों को भी बढ़ती उम्र के साथ स्वस्थ रहने की जरुरत: डॉ देवी राम
एपीआइ के वार्षिक सम्मेलन
पूर्णिया. कोलकाता में आयोजित एपीआइ के वार्षिक सम्मेलन में संस्था के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पिछले आठ वर्षों से लगातार सदस्य डॉ देवी राम ने मरीजों का इलाज करनेवाले चिकित्सकों को भी खुद के स्वास्थ्य के प्रति संजीदा रहने के लिए प्रेरित किया. सम्मेलन में उन्होंने सभी से अपील करते हुए कहा कि स्वयं चिकित्सकों को भी बढ़ती उम्र के साथ स्वस्थ रहने, मरीजों एवं समाज के प्रति सहानुभूति रखने की जरूरत है. उन्होंने बढ़ती उम्र के साथ-साथ कार्य में, खान-पान, व्यायाम, चलने-फिरने में सावधानी, परिवार एवं समाज के साथ घुल-मिलकर आनंद लेने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि जहां भारत वर्ष में लोगों की औसतन आयु लगभग 70 वर्ष है वहीं दुर्भाग्यवश चिकित्सकों की औसत आयु 60 वर्ष है जो बेहद चिंता का विषय है. इसका मुख्य कारण चिकित्सकों का अपने कार्य में जरूरत से ज्यादा व्यस्त रहना है. डॉ. डी राम ने चिकित्सकों को अपने कार्यशैली को बदलने एवं समुचित विश्राम् तथा कार्य स्थल पर अच्छा वातावरण, बीच-बीच में छुट्टियां मनाने, स्पोर्टस, गेम्स के साथ साथ अपनी इलाज में सावधानी बरतने एवं प्रसन्नचित्त रहने की सलाह दी है. आयोजित सम्मेलन के बारे में जानकारी देते हुए डॉ डी राम ने कहा कि विगत 23 से 26 जनवरी तक कोलकाता में अखिल भारतीय चिकित्सक संघ (एपीआइ) का वार्षिक सम्मेलन आयोजित किया गया. इस सम्मेलन में मुख्य रूप से पूरे भारत सहित विदेशों से आये एम.डी. (मेडिसीन) के लगभग 8 हजार चिकित्सकों ने भाग लिया. सम्मेलन में पूर्णिया के चिकित्सकों की भी अच्छी भागीदारी रही. जिले से चिकित्सक डॉ आरके मोदी, डॉ एके. पाठक, डॉ. मो. शादिक, डॉ.यूवी सिंह, डॉ. निशिकांत, डॉ.एसपी.सिंह (जू), डॉ. इन्तियाज भारती, डॉ. अजय कुमार, डॉ. सुदीप मिश्रा, डॉ. स्नेहा भारती आदि की भूमिका सराहनीय रही. सभी ने डाईबिटीज, ब्लड प्रेशर, टीबी आदि बीमारियों पर अपने अपने व्याख्यान दिये.
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