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प्लीज पापा, दीपावली में मेरे लिए नहीं खरीदें कोई पटाखा

मिट्टी की दीये जलाने और पटाखा नहीं फोड़ने का बच्चों ने लिया संकल्प

मिट्टी की दीये जलाने और पटाखा नहीं फोड़ने का बच्चों ने लिया संकल्प

शामरॉक चिल्ड्रेन स्कूल में चला प्रभात खबर का विशेष जागरूकता अभियान

दीपोत्सव पर लुप्त होती मिट्टी की दीये जलाने की परंपराओं को जीवंत रखने और पटाखों से फैलने वाले प्रदूषण को लेकर प्रभात खबर की ओर से जागरूकता शुरू की गई है. इसी पहल के तहत शुक्रवार को गुलाबबाग के शास्त्रीनगर स्थित शामरॉक चिल्ड्रेन स्कूल में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान स्कूल प्रबंधन और शिक्षकों ने भी विषय की गंभीरता को महसूस किया और बच्चों को यह बताते हुए मिट्टी का दीया जलाने की प्रेरणा दी कि दीपावली मिट्टी से जुड़ने का पर्व है. पटाखों से होने वाले नुकसान के बारे में सुनते ही बच्चों ने नारा दिया-प्लीज पापा, दिवाली में मेरे लिए पटाखा नहीं खरीद कर न लाएं.

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दीपावली में मिट्टी के दीयों से घरों को करें रौशन

पूर्णिया. जागरूकता अभियान के दौरान शुक्रवार को शहर के गुलाबबाग स्थित के शास्त्रीनगर स्थित शामरॉक चिल्ड्रेन स्कूल के बच्चों को जहां दीपावली का ऐतिहासिक महत्व बताया गया वहीं इस पौराणिक परंपरा को जीवंत रखने के मिट्टी के दीये जला कर घरों को रौशन करने का संकल्प दिलाया गया. बच्चों को बताया गया कि हमें सांस लेने के लिए शुद्ध हवा की जरुरत होती है जिसका जुड़ाव मिट्टी के दीयों से है. इस मौके पर स्कूल की शिक्षिकाओं ने बच्चों को फिजुलखर्ची के बारे में बताया गया और यह समझाया गया कि बिजली के रंगीन बल्बों में बिजली का अधिक उपयोग होता है और इसके लिए उनके पापा को अपनी जेब से पैसे भरने होंगे. बच्चों को बताया गया कि इस दीपावली वे अपने-अपने घरों में मिट्टी के दीये जलाएं और अपने पापा के पैसे बचाएं. बच्चों ने कहा भी कि वे घर जाकर पापा से मिट्टी का दीया ही खरीदने को कहेंगे. इसके लिए निदेशक ई. संतोष कुमार निराला के साथ शिक्षिकाओं ने बच्चों को संकल्प दिलाया.

दीपावली में न छोड़ें पटाखा, हो सकता है नुकसान

दीपावली को लेकर जागरूकता कार्यक्रम के दौरान बच्चों के स्वास्थ्य पर फोकस किया गया. इस दौरान बच्चों को ध्वनि प्रदूषण और पटाखों के खतरों के प्रति अगाह करते हुए उन्हें स्वस्थ और शांतिपूर्ण उत्सव मनाने की शपथ भी दिलायी गई. बच्चों को बताया गया कि पटाखा छोड़ने के दौरान यदि छोटी सी भी गलती हो गई तो आंखों पर असर पड़ सकता है. हाथ जल सकते हैं और कान के पर्दे भी फट सकते हैं. इस मौके पर शिक्षिकाओं ने बच्चों के अभिभावकों से भी अपील की कि दीपावली में वे बच्चों के लिए पटाखा पर अनावश्यक व्यय न करें. बच्चों को बताया गया कि तेज आवाज वाले पटाखों से कई तरह के नुकसान हो सकते हैं. घर में यदि कोई बुजुर्ग बीमार हैं तो उनकी जान का भी खतरा हो सकता है. इससे हर हाल में परहेज करें.

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शिक्षक-शिक्षिकाओं की बात

1. इस बार दीपावली पूरे परिवार के साथ धूमधाम से मनाएं. मिट्टी के दीयों से अपने घरों को रोशन करना चाहिए. यही पुरानी परंपरा रही है. पटाखा कोई हो, उससे प्रदूषण फैलता है. पटाखों से बिल्कुल परहेज करें.

फोटो- 25 पूर्णिया 2- ई. संतोष कुमार निराला, निदेशक

2. दीपावली पर मिट्टी के दीयों से घर का अंधियारा भगाएं. यह हमारे स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है. दीयों की लौ में खतरनाक कीट खत्म हो जाते हैं. पटाखा पर्यावरण प्रदूषित करता है, इसका उपयोग बिल्कुल न करें.

फोटो- 25 पूर्णिया 3-निर्मला छत्री, शिक्षिका

3. दीपावली रोशनी, रोजगार और उत्साह का पर्व है. इस दीपावली पर मिट्टी के दीये जलाने का संकल्प ले ताकि वातावरण शुद्ध बना रहे और हम सब भी स्वस्थ रहें. पटाखा से कई तरह की हानि हो सकती है, इससे बचें.

फोटो- 25 पूर्णिया 4- विनीता कुमारी पुगलिया, शिक्षिका

4. मिट्टी का दीया तो परंपरा है ही, साथ-साथ इससे पर्यावरण का भी संतुलन बना रहता है. घरों से नकारात्मक उर्जा का विनाश होता है. पटाखा हर दृष्टि से हानिकाक है. बच्चों को पटाखों से दूरी बना कर रखनी चाहिए.

फोटो-25 पूर्णिया 5- सोनाली कुमारी, शिक्षिका5. दीपावली पर इस बार हम मिट्टी के दीये जलायेंगे और दूसरे को भी प्रेरित करेंगे क्योंकि इससे वातावरण शुद्ध रहता है. इसके साथ ही बिजली की बचत हो जाएगी. पटाखा मानव स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होता है. फोटो- 25 पूर्णिया 6- श्वेता पांडेय, शिक्षिका

6. दीपावली में पूरे परिवार के साथ मिट्टी के दीये जलायेंगे. इससे शांति और स्वच्छता की अनुभूति होती है. इससे पर्यावरण का भी बचाव होता है. अभिभावकों से अपील है कि वे बच्चों को पटाखों की बजाय मिठाई दें.

फोटो-25 पूर्णिया 7- आरती लाम्बा, शिक्षिका

7. दीपावली पौराणिक परंपरा का प्रतीक है. हम यदि मिट्टी की दीये जलाते हैं तो अपने साथ दूसरे घरों को भी रौशनी मिलती है. पटाखों से स्वास्थ्य का खतरा हो सकता है, और इससे हमारा पर्यावरण भी प्रदूषित होता है. फोटो- 25 पूर्णिया 8- पम्पी पॉल, शिक्षिका

8. दीपावली में मिट्टी का दीया जला कर अपनी सेहत की रक्षा करनी चाहिए. स्वास्थ्य की दृष्टि से यह बेहतर है. जहां तक पटाखा और आतिशबाजी की बात है उससे हमें बचना चाहिए क्योंकि इससे हानि हो सकती है.

फोटो- 25 पूर्णिया 9 ॰- प्रिया पॉल

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मिट्टी के दीये जलाने के फायदे

मिट्टी के दीये से खत्म होते हैं घर के हानिकारक बैक्टीरियासमाप्त हो जाते हैं घरों में रहने वाले कीट, पतंगा और रोगाणुपर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं मिट्टी के दीये

मिट्टी के दीये की लौ से नष्ट होती है नकारात्मक उर्जामिट्टी के दीये से संतुलित रहता है घर का वातावरण——————-

पटाखों से होने वाले नुकसान

पर्यावरण प्रदूषित होता हैवायु प्रदूषण से बढ़ रहा तापमानसेहत को पहुंच सकता है नुकसानहो सकते हैं अस्थमा, फेफड़ों व हृदय के रोगरहता है फेफड़ों की क्षति का जोखिमफोटो. 25 पूर्णिया 10- कार्यक्रम में बच्चों को संकल्प दिलाती स्कूल की शिक्षिका

11,12-पटाखा नहीं छोड़ने का संकल्प लेते बच्चे

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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