जीएमसीएच के ईएमटी व एम्बुलेंस चालकों को दी गयी सीपीआर की ट्रेनिंग पूर्णिया. आपातकाल में मरीजों के जीवन को बचाने में सीपीआर तकनीक के सफल क्रियान्यवयन को लेकर एसडीआरएफ की टीम ने जीएमसीएच के इमरजेंसी मेडिकल तकनीशियनों और एम्बुलेंस चालकों को प्रशिक्षण दिया. इस प्रशिक्षण में कुल 44 लोगों ने हिस्सा लिया. नर्सिंग एंड पारामेडिकल एकेडमिक बिल्डिंग में आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञ टीम के सदस्यों ने बताया कि सीपीआर का मतलब कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन है. यह कार्डियक अरेस्ट के दौरान जीवन बचाने में मदद कर सकता है, जब दिल धड़कना बंद कर देता है या मस्तिष्क और अन्य महत्वपूर्ण अंगों में रक्त संचार करने के लिए बहुत अप्रभावी रूप से धड़कता है. सीपीआर एक प्राथमिक चिकित्सा तकनीक है जिसका उपयोग तभी किया जा सकता है जब कोई व्यक्ति सांस नहीं ले रहा हो या उसका हृदय रुक गया हो. सीपीआर किसी की जान बचा सकता है और यह एक ऐसा कौशल है जिसे हर कोई सीख सकता है. सीपीआर में पीड़ित व्यक्ति की छाती को दबाना और मुंह से मुंह में बचाव सांसें देना मुख्य रूप से शामिल है. कार्डियक अरेस्ट के बाद तत्काल सीपीआर से प्रभावित व्यक्ति के बचने की संभावना दोगुनी या तिगुनी हो सकती है. इस दौरान सभी प्रतिभागियों को पुतलों के माध्यम से सीपीआर तकनीक को प्रायोगिक रूप से भी प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण दे रही एसडीआरएफ की टीम के सदस्यों ने बताया कि आपात स्थिति में मरीज के निकट इमरजेंसी मेडिकल तकनीशियन और एम्बुलेंस चालक भी उपस्थित रहते हैं इसलिए भी जीवन रक्षक उपायों से इनके लिए लैश होना बेहद जरुरी है. उन्होंने यह भी बताया कि जिले के विभिन्न संस्थानों में उनका यह प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहा है. मेडिकल कॉलेज में भी अन्य और लोगों को इस तकनीक की जानकारी दी जानी है.
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