बैसा. ग्रामीण क्षेत्रों में नशे की लत युवाओं और किशोर-किशोरी में बढ़ रही है. इस संबंध में चिकित्सा प्रभारी डॉ रफी ज़ुबैर ने बताया कि नशे के लिए लोग नशीली दवाओं का भी प्रयोग अधिक मात्रा में कर रहे है. नशीली दवाओं के रूप में कफ सीरफ, नींद की गोली, पेट दर्द की दवा आदि का उपयोग करते हैं. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रफी ज़ुबैर ने बताया कि नशे के सेवन से शरीर पर इसका प्रतिकूल असर पड़ता है. नशे के शिकार लोगों की शारीरिक शक्ति, मानसिक, व निर्णय लेने की क्षमता का ह्रास होता है. लीवर एवं मस्तिष्क पर भी इसका बुरा असर होता है. मानसिक परेशानी, चिड़चिड़ापन एवं गुस्से की प्रवृति पनपती है. तंबाकू एवं गुटखा चबाने से मुंह, किडनी, फेफड़े आदि की बीमारियां होती जिससे कैंसर होने की अधिक संभावना बनी रहती है. चिकित्सा प्रभारी ने बताया कि बच्चों के नशीली दवा के प्रयोग में दवा व्यवसायियों की लापरवाही भी है क्योंकि कई ऐसी प्रतिबंधित दवाएं हैं जो बिना चिकित्सक के पर्चे की बेच दी जाती है. यह खतरनाक ही नही दवा वितरण के नियम के विरुद्ध भी है.
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