पूर्णिया. शहर के नवरतन हाता में डीएसए ग्राउंड के ठीक बगल में स्थित काली मंदिर सम्पूर्ण आस्था और भक्ति का केंद्र बना हुआ है. इस काली स्थान का इतिहास करीब 6 दशक पुराना है और आज भी यहां पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ हर दिन पूजा-अर्चना की जाती है. विशेष तौर पर कार्तिक अमावस्या को यहां माता काली की पूजा ख़ास आकर्षण लिए होती है. इस कार्तिक पूर्णिमा को भी खूब धूम धाम से पूजा का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया. दीपावली की रात को पूजा संपन्न होने के बाद प्रसाद का वितरण किया गया वहीं शनिवार को भी दोपहर बाद से खिचड़ी भोग के रूप में प्रसाद का वितरण लगातार चलता रहा. बताते चलें कि यह काली स्थान देवी की काफी विशाल प्रतिमा को लेकर हमेशा लोगों के आकर्षण का केंद्र रही. प्रतिमा को देखने के लिए भक्त दूर-दराज से यहां आते थे. यहां की पूजा बमकाली के नाम से भी जानी जाती रही है. लेकिन कुछ वर्षों पूर्व यहां देवी की स्थायी प्रतिमा स्थापित की गयी. मंदिर कमेटी के सदस्य बताते हैं कि वर्ष 2021 में स्थायी रूप से पत्थर की प्रतिमा स्थापित की गयी. इसके साथ ही मंदिर परिसर एवं भवन आदि का भी विस्तार पूर्वक निर्माण कराया गया जिसमें माता के श्रद्धालुओं का भरपूर योगदान रहा.
सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी किया गया आयोजन
नवरतन काली स्थान में पूजा के अवसर पर प्रत्येक वर्ष बड़े पैमाने पर कला और संस्कृति से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. बच्चों के बीच तरह तरह की खेल प्रतियोगिताएं, नृत्य संगीत, पेंटिंग्स प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है. जिससे हर तबके के लोगों का जुड़ाव इस पूजनोत्सव से हो जाता है. इस बार भी बच्चों के बीच कई तरह की प्रतियोगिताएं आयोजित की गयीं और बच्चों को पुरस्कृत किया गया.फोटो – 2 पूर्णिया 8- नवरतन स्थित डीएसए काली मंदिर में पूजा अर्चना करते कमेटी के सदस्य
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