झमाझम बारिश से किसान हुए खुश, गर्मी से मिली राहत

गर्मी से मिली राहत

By Prabhat Khabar News Desk | September 25, 2024 6:02 PM

भीषण गर्मी व उमस का दंश झेल रहे लोगों ने बारिस से ली राहत की सांस

बारिश के बाद खेतों की लौट आयी नमी तो मुरझाते धान के पौधों में आयी जान

पूर्णिया. मंगलवार से पछुआ हवा के साथ हो रही झमाझम बारिश एक तरफ जहां मौसम काफी सुहाना हो गया वहीं दूसरी तरफ भीषण गर्मी व उमस का दंश झेल रहे लोगों ने राहत की सांस ली. बारिश से जहां किसानों में भी खुशी की लहर दौड़ गयी, वहीं गलियों में पानी लगना राहगीरों को काफी कष्टकारी रहा.कई मुहल्लों में जलजमाव की भी समस्या उत्पन्न हो गई है जबकि कई जगह सड़क पर गंदगी फैल गई है. नगर निगम की ओर से कहीं सड़कों से पानी निकाला जा रहा है तो कहीं मिट्टी भरी जा रही है. बारिश से तापमान में भी गिरावट आयी है.

दरअसल, पिछले एक पखवाड़े से आम लोग भीषण गर्मी व उमस से बेहाल थे. एक तरफ बिजली कट और दूसरी तरफ कड़क धूप के कारण लोगों की परेशानी काफी बढ़ गई थी. इधर लगातार धूप और गर्म मौसम के कारण खेतों की नमी भी गायब हो गई थी. चारों तरफ लोग परेशान थे. ऐसे में बारिश ने सबको राहत पहुंचायी है. मंगलवार को अपराह्न बारिश का दौर शुरू हुआ और पूरी रात मेघ बरसते रहे. बुधवार को भी दोपहर तक लगातार बारिश होती रही. हालांकि इस बारिश के कारण पहले की तरह जलजमाव की बड़ी समस्या खड़ी नहीं हो सकी क्योंकि आसमान से गिरे पानी को सूखी और प्यासी धरती सहज रुप से गटक गई. वैसे, निचले इलाकों में कुछ जगहों पर पनाी जमा हो गया है जबकि नालियां भी भर गईं हैं.

किसानों को मिली सबसे ज्यादा राहत

इधर, इस बारिश के कारण से सबसे ज्यादा राहत किसानों को मिली है और वे काफी राहत महसूस कर रहे हैं. महंगी डीजल से धान खेतों में पटवन कर रहे किसानों को इससे छुटकारा मिला है जिससे उन्हें आर्थिक बचत हो रही है. दरअसल, माकूल समय पर बारिश ने ऐसा मुंह फेर लिया कि फसलों को बचाए रखना मुश्किल हो गया था. किसान किसी तरह पंपसेट से सिंचाई कर फसलों को बचाने की कोशिश कर रहे थे पर इस पटवन से खेतों को जरुरत के हिसाब से पानी नहीं मिल रहा था जिससे उसकी नमी जा रही थी. मगर, दो दिनों की बारिश के बाद नमी वापस लौट आयी है पर किसानों का कहना है कि अभी भी धान के खेतों को और बारिश की जरुरत है. याद रहे कि इस साल सामान्य से 41 फीसदी बारिश कम हुई है.

किसानों का कहना है कि धान के खेतों की जरुरत बारिश से ही पूरी हो सकती है और यही कारण है कि उनकी एकमात्र उम्मीद वर्षा पर टिकी रहती है. फोटो- 25 पूर्णिया 11- बारिश के बाद सड़क पर जलजमाव

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