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Purnia news : पीला सोना के रिकाॅर्ड रेट ने बढ़ायी पूर्णिया के किसानों के चेहरे की रौनक

Purnia news : जिले के गुलाबबाग मंडी में मक्का का उच्चतम दाम 2500 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक है.

Purnia news : इस वर्ष पीला सोना के रूप में चर्चित मक्के का भाव देखकर किसानों का हौसला बुलंद है. मक्का के रिकाॅर्ड रेट ने किसानों के चेहरे की रौनक बढ़ा दी है. यही वजह है कि किसानों ने नये सीजन में मक्का की खेती का रकबा बढ़ाने का मन बनाया है. पिछले कई सालों से मक्का की कीमत कम मिलने से किसान मायूस नजर आ रहे थे, पर इस साल मक्का के बढ़ते भाव को देख खरीफ सीजन में खेती करनेवाले किसान भी मूल्य को लेकर आशान्वित हैं.

विदेशाें में भी मक्का की मांग बढ़ी

इस साल मक्का के दाम में प्रत्याशित इजाफा हुआ है. अहम यह है कि विदेशों में मक्का की मांग भी पहली दफे इतना ज्यादा बढ़ी है. जिले के गुलाबबाग मंडी में मक्का का उच्चतम दाम 2500 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक है. पिछले छह सालों में इतना रेट कभी नहीं हुआ. मक्का के कारोबारियों का कहना है कि विदेशी डिमांड इस बार अधिक है और अभी मांग और बढ़ने की उम्मीद है. इसी नजरिये से वे अधिक से अधिक मक्का का स्टॉक करना चाहते हैं, ताकि विदेशी कंपनियों की डिमांड को वे पूरी कर सकें. कारोबारियों ने मक्के के रेट में हल्का और उछाल की भी संभावना बतायी है.

बाजार से काफी कम है सरकारी रेट

सरकार ने मक्का के जो भाव तय किये हैं वह काफी कम है. इस दफा सरकार ने मक्का की खरीद के लिए पहली बार व्यवस्था की है, जिसमें किसानों को प्रति क्विंटल मक्का के लिए 2090 रुपये का निर्धारण सरकार द्वारा किया गया है, जबकि खुले बाजार में मक्का का भाव फिलहाल 2500 रुपये प्रति क्विंटल से लेकर 2550 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है. व्यापारियों की मानें तो इसके भाव में अभी और भी तेजी आने के आसार हैं. यह विडंबना है कि इस साल सरकारी खरीदारी के तमाम प्रयासों के बावजूद किसानों ने सरकारी क्रय केंद्रों का रुख नहीं किया. एक छटांक खरीदारी नहीं हो सकी.

मक्का का हब बन गया पूर्णिया

पूर्णिया मक्का का हब बन गया है. विदेशों में भी यहां के मक्का की मांग है. फ्रांस, आस्ट्रेलिया, लंदन, सिंगापुर और जापान आदि देशों की कंपनियां यहां से दो से तीन लाख टन मक्का हर साल खरीदती हैं. इसके अलावा लगभग दो सौ स्थानीय ट्रेडर मक्का का कारोबार करते हैं. हर साल लगभग 20 लाख टन मक्का यहां से देश के दूसरे प्रांतों और विदेशों में भेजा जाता है. इनसे खाद्य सामग्रियों के साथ ही दवा और सौंदर्य प्रसाधन आदि बनाए जाते हैं. जिले के पूर्णिया, जलालगढ़ और रानीपतरा रेलवे स्टेशन पर स्थित रैक प्वाइंट से हर साल करीब दो लाख टन मक्का दूसरे प्रांतों में भेता जाता है.

विदेशी खरीदारी से बढ़ी प्रतिस्पर्धा

पूर्णिया मक्का का बड़ा बाजार बन गया है. यहां गुलाबबाग मंडी में पूर्णिया के अलावा अररिया, कटिहार, किशनगंज, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा आदि से किसान और व्यापारी मक्का बेचने आते हैं. विदेशी कंपनियों की दिलचस्पी के कारण प्रतिस्पर्धा बढ़ गयी है. यहां से रेल मार्ग से अधिक सड़क मार्ग से मक्का बाहर भेजा जाता है. पूर्णिया में मक्का का कारोबार अरबों में है. यही वजह है कि पूर्णिया में पीला सोना के नाम से मकई की पहचान बन गयी है. यहां के किसान मक्का का सबसे अधिक उत्पादन करते हैं. प्रति एकड़ लगभग 50 क्विंटल मक्का यहां के किसान उगाते हैं, जो अन्य राज्यों की अपेक्षा सबसे अधिक है.

वस्तु का मूल्य मांग पर निर्भर

मक्का कारोबारी विरेंद्र दुग्गड़ कहते हैं कि मंडी में किसी भी वस्तु का मूल्य मांग पर निर्भर करता है. दाम में उतार और चढ़ाव का कारण भी यही है. यह सच है कि अभी खुले बाजार में मक्का का रेट बहुत बढ़िया है, जिससे किसानों को भी फायदा है. इस साल विदेशी कंपनियों ने दोनों हाथ खोल दिया है, जिससे मक्का का रेट 2200 से 2500 तक पहुंच गया है. मक्का कारोबारी संजय बोथरा इस साल मक्का का रेट 2500 से ज्यादा है. अभी एक सप्ताह पहले तक 22 से 2300 के बीच इसका दाम लगाया जा रहा था. व्यवसायी भी किसानों का लाभ चाहते हैं, पर रेट का निर्धारण इसकी डिमांड के आधार पर होता है. अभी मक्का की डिमांड काफी बढ़ी हुई है, जिससे मक्का के दाम में उछाल आया है.

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