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नेपाल के किसानों ने सीखे मखाना उत्पादन के वैज्ञानिक गुर

स्थानीय भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय में पड़ोसी देश नेपाल से आये मखाना उत्पादक किसानों के एक समूह ने मखाना उत्पादन की वैज्ञानिक तकनीक पर जानकारी हासिल की.

पूर्णिया. स्थानीय भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय में पड़ोसी देश नेपाल से आये मखाना उत्पादक किसानों के एक समूह ने मखाना उत्पादन की वैज्ञानिक तकनीक पर जानकारी हासिल की. इस एक दिवसीय प्रशि़क्षण-सह-परिभ्रमण कार्यक्रम का उदघाटन कृषि महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. दिलीप कुमार महतो एवं नेपाल के किसानों ने संयुक्त रूप से किया. अपने स्वागत अभिभाषण में प्राचार्य ने विगत बारह वर्षों में कृषि महाविद्यालय की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए अनउपयुक्त निचली जमीन के विकास हेतु विकसित मखाना उत्पादन तकनीक का विस्तार पूर्वक वर्णन किया. उन्होंने समेकित कृषि प्रणाली के बारे में भी जानकारी दी. मखाना वैज्ञानिक तथा प्रधान अन्वेषक डॉ. अनिल कुमार ने अपने संबोधन में बताया कि मखाना फसल क्षेत्र के विस्तार एवं सही तरीके से खेती की पद्धति में मछली को शामिल कर किसानों की आय को दुगना किया जा सकता है. उन्होंने कहा महाविद्यालय द्वारा विकसित मखाना की प्रजाति सबौर मखाना -1 की खेती कर कोशी क्षेत्र के किसान अधिक लाभ प्राप्त कर रहे हैं. उन्होने मखाना उत्पादन तकनीक के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी और कहा नेपाल के कोशी क्षेत्र में मखाना की अपार संभावना है. डॉ. रूबी साहा ने मिट्टी की जांच पर बल देते हुए कहा कि किसी भी तरह की फसल को लगाने से पूर्व मिटटी की जांच कराना अत्यंत आवश्यक है. उन्होंने मखाना में पोषक तत्वों का प्रबंधन के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन व बदलते मौसम को ध्यान में रखते हुए मखाना सहित विभिन्न फसलों के वार्षिक चक्र के बारे में बताया. साथ ही रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम से कम करने की सलाह दी. डॉ. मणि भूषण ठाकुर ने मखाना फसल में विभिन्न प्रकार के रोग एवं बिमारियों के प्रबंधन के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी. डॉ. अभिनव कुमार ने मखाना फसल में विभिन्न प्रकार के कीटों के प्रबंधन के बारे में बारीकी से बताया. नेपाली मीताहार के प्रतिनिधि बिजय पोंडेल ने बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के कुलपति डॉ. डी. आर. सिंह एवं प्राचार्य डॉ. दिलीप कुमार महतो का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि आज हमलोगों को मखाना आधारित तकनीक के बारे में विस्तृत जानकारी हासिल हुई. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में नेपाल के धनुषा जनकपुरधाम, महतरी एवं सप्तरी के किसान राम्भू सहनी, बौका मल्लाह, महेश सहनी, राज कुमार मुखिया, रिंकू साह, रीना खातून एवं संतोष सहनी आदि मखाना कृषकों ने सफलता पूर्वक भाग लिया. कार्यक्रम का संचालन मखाना वैज्ञानिक सह प्रधान अन्वेषक डॉ. अनिल कुमार ने तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. रूबी साहा ने किया.

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