पूर्णिया. बुधवार को खरना पूजा के साथ छठ व्रतियों का निर्जला उपवास शुरू हो जाएगा. इसमें व्रती 36 घंटे का निर्जला व्रत रखेंगे. जेनरल फिजिशियन डा. तपन विकास सिंह का मानना है कि निर्जला उपवास से कई फायदे हैं. इससे शरीर के आंतरिक ही नहीं वाह्य दोष भी दूर होते हैं. ऐसे में व्रतियों को साग या अन्य वनस्पति का सेवन कर पहले से शरीर को शुद्ध करना चाहिए. उपवास रखने से आंत (बावेल्स) पूरी तरह से साफ हो जाता है. उसे आराम भी मिल जाता है. उपवास के दौरान नमक नहीं खाने से ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है. धूप में खड़े रहने से विटामिन-डी मिल जाता है. विटामिन डी हड्डियों के लिए फायदेमंद है. हर वक्त खाते रहने से या फिर ओवरइटिंग करने से आंत (बावेल्स) का काम बढ़ जाता है. उसे आराम नहीं मिलता. उपवास तोड़ने के बाद शरीर हल्का महसूस होता है. एक-दो रोज उपवास रखने से फायदा ही होता है. उपवास तोड़ने के लिए सबसे पहले शीतल पेय पदार्थ ही ग्रहण करना चाहिए. इसके आधा घंटा के बाद भी तरल खाद्य पदार्थ का सेवन जरुरी है. इसमें कद्दू की सब्जी, मुलायम भात और मूंग की दाल का उपयोग स्वास्थ्य के लिए बेहतर होगा. फोटो. 5 पूर्णिया 7- डॉ. तपन
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है