Bihar News : पूर्णिया में मछली-भात खाने से पिता-पुत्र की मौत हो गई, जबकि परिवार के तीन सदस्यों की हालत बिगड़ गई. यह घटना जिले के कृत्यानंद थाना क्षेत्र के बिठनौली पूरब पंचायत के वार्ड नंबर 4 के इस्लामपुर गांव में हुई. मृतकों में मो रईस (75) और उसका बेटा मो अखलाक (40) शामिल हैं. इस संबंध में सिविल सर्जन प्रमोद कुमार कनौजिया ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि इस्लामपुर गांव में मछली खाने से दो लोगों की मौत हो गई.
जांच के लिए पहुंची मेडिकल टीम
जांच के लिए गांव में मेडिकल टीम भेजी गई. प्रथम दृष्टया डायरिया का मामला लग रहा है. केनगर पीएचसी प्रभारी डॉक्टर भास्कर प्रसाद सिंह ने बताया कि मृतक के आवास परिसर में गठित मेडिकल टीम द्वारा गहन जांच की गयी है. उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही मौत होने के कारणों का पता चल पाएगा.
इलाज के दौरान हुई पिता-पुत्र की मौत
जानकारी के अनुसार, बीते 23 अगस्त की शाम को मृतक के घर में खाने में मछली-चावल बना था. खाना खाने के बाद दोनों पिता-पुत्र मो रईस व मो अखलाक को उल्टी- दस्त शुरू हो गयी. देखते-देखते अखलाक की पत्नी बीबी तानो खातून, पुत्री सीमा खातून तथा पुत्री मुन्नी खातून को भी उल्टी- दस्त की शिकायत होने लगी. परिजनों ने आनन फानन में सबको जीएमसीएच में भर्ती कराया. रविवार को इलाज के दौरान दोनों पिता और पुत्र की मौत हो गयी.
इस्लामपुर गांव में आठ दिन के अंदर एक ही परिवार से उठी तीन अर्थियां
कृत्यानंद थानाक्षेत्र की बिठनौली पूरब पंचायत के वार्ड संख्या 4 के इस्लामपुर गांव में मछली-चावल खाने के बाद मो रईस और उसके पुत्र मो अखलाक की मौत से पूरा गांव सकते में है. गांव में यही चर्चा है कि आठ दिन के अंदर एक ही परिवार से तीन अर्थी उठ गयी. दुश्मन को भी ऊपरवाला ऐसी सजा ना दे. ग्रामीणों के अनुसार आठ दिन पहले मृतक मो रईस के 16 वर्षीय पुत्र मो लालो की लू लगने से मौत हो गयी थी. अब पूरा परिवार खुद को कोस रहा है कि किस बुरी घड़ी में उनलोगों ने मछली-चावल पकाया कि घर के दो और लोगों की जान चली गयी.
गांव में मेडिकल टीम कर रही कैंप
कृत्यानंद थानाक्षेत्र के बिठनौली पूरब पंचायत के वार्ड संख्या 4 के इस्लामपुर गांव में मछली-चावल खाने के बाद मो रईस और उसके पुत्र मो अखलाक की मौत की घटना को लेकर गांव में मेडिकल टीम कैंप कर रही है. आइडीएसपी नीरज कुमार निराला ने पूरे घटनाक्रम पर बारीकी से जांच की. मेडिकल टीम के पहुंचने के बाद ग्रामवासियों को अनजाने भय से थोड़ी तसल्ली हुई है.
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पूर्व में भी गांव में फैली थी रहस्यमय बीमारी
इस्लामपुर गांव में डेढ़ दशक पहले भी रहस्यमय बीमारी फैली थी जिसमें इसी प्रकार के लक्षण और बेहोश होने की शिकायत सामने आयी थी. उस वक्त भी यहां मेडिकल टीम ने कैंप किया था. हालांकि जांच में यह बात सामने आयी थी कि खेतों में अत्यधिक कीटनाशक का छिड़काव होने के कारण उसकी गंध से लोग बीमार पड़े थे.