कोलकाता रेप कांड के खिलाफ सड़कों पर उतरी महिला चिकित्सक, दिया धरना
कोलकाता स्थित आरजी कर मेडिकल कॉलेज की महिला चिकित्सक की रेप के बाद जघन्य ह्त्या एवं इस घटना के एक माह बीत जाने के बाद भी इंसाफ नहीं मिलने से आक्रोशित महिला चिकित्सकों ने धरना दिया.
पूर्णिया. कोलकाता स्थित आरजी कर मेडिकल कॉलेज की महिला चिकित्सक की रेप के बाद जघन्य ह्त्या एवं इस घटना के एक माह बीत जाने के बाद भी इंसाफ नहीं मिलने से आक्रोशित महिला चिकित्सकों ने धरना दिया. राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के एकेडमिक ब्लाक के समक्ष यह धरना कार्यक्रम का आयोजन फेडरेशन ऑफ़ ओब्सटेट्रिक एंड गायनेकोलोजिकल सोसाइटी ऑफ़ इंडिया (एफओजीएसआई) के आह्वान पर किया गया. इस मौके पर एफओजीएसआइ पूर्णिया शाखा से जुडी बड़ी संख्या में महिला चिकित्सकों ने भाग लिया. इस दौरान जीएमसीएच के प्राचार्य डॉ. गौरी कान्त मिश्र, डॉ. एके झा सहित मेडिकल कॉलेज कर्मी भी उपस्थित रहे. लगभग एक घंटे के धरना कार्यक्रम में शामिल महिला चिकित्सकों ने ‘जस्टिस डिलेड जस्टिस डिनायड’ तथा ‘व्हेअर इज जस्टिस फॉर अभया’ के नारे लगाये. हाथो में तख्तियां लिए सभी चिकित्सकों ने इस जघन्य कांड में शामिल लोगों के खिलाफ जल्द से जल्द फांसी की सजा दिए जाने की मांग भी की. एफओजीएसआई पूर्णिया के पदाधिकारियों ने बताया कि पूरे देश भर में एफओजीएसआई की 276 सोसाइटी द्वारा कोलकाता काण्ड के खिलाफ आज धरना और प्रदर्शन का आयोजन किया गया है. इसके तहत पूर्णिया शाखा द्वारा जीएमसीएच में धरना दिया गया और इन्साफ के लिए आवाज बुलंद की गयी. इस मौके पर डॉ. आशा सिंह, डॉ. पूनम रमण, डॉ. सुप्रिया, डॉ.नयना, डॉ. उषा किरण, डॉ. नाज, भी उपस्थित रहे.
बोलीं चिकित्सक
कोलकाता में महिला डॉक्टर की जघन्य हत्याकांड से हमसभी मर्माहत हैं इतने दिनों बाद भी अपराधी को नहीं पकड़ा जा सका है यह और भी शर्मनाक है. हर जगह इस तरह के काण्ड हो रहे हैं. हमलोगों ने सडक पर कैंडिल मार्च निकाला उम्मीद थी कि न्याय मिलेगा लेकिन यहाँ तो जस्टिस डिलेड जस्टिस डिनायड वाली बात साबित हो रही है.
डॉ. विभा झा, अध्यक्ष एफओजीएसआइ पूर्णिया. घटना के एक माह बीत जाने के बाद भी अपराधी को सजा नहीं दिया जाना बेहद शर्मनाक है. बंगाल सरकार और भारत सरकार यह दोनों की जवाबदेही है. देश में 50 प्रतिशत महिलायें हैं अगर उन्हें सुरक्षा नहीं दी जायेगी तो कैसे काम करेंगी वे. आज हर घर में महिला हो या बच्ची सभी भयभीत हैं वे खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हैं. डॉ. अनुराधा सिन्हा, सचिव एफओजीएसआइ पूर्णिया.यह हमारे देश की सारी बेटियों की अस्मिता का सवाल है. इस तरह की घटना में सात दिनों के अन्दर फैसला होना चाहिए. अपराधी को मृत्युदंड से कमतर कुछ भी नहीं मिलना चाहिए. ऐसी सजा मिलनी चाहिए जिससे अपराध करने वालों की रूहें कांप जाएं इसके लिए सख्त क़ानून की जरुरत है ताकि भविष्य में इस तरह की घटना फिर न हो सके. डॉ. अंजू कर्ण.आये दिन महिलाओं पर हमले हो रहे हैं. यह बेहद दुखद और जघन्य कृत्य है. इस तरह के अपराध माफ़ी के योग्य नहीं हैं. इसे खत्म करने की जरुरत है लेकिन अफ़सोस कि ऐसी कुकृत्यों में शामिल अपराधियों को भी बचाने का प्रयास किया जाता है. महिलाओं की सुरक्षा के लिए ऐसे अपराधकर्मियों के साथ कड़ाई से पेश आना होगा और कड़ी सजा दिलवानी होगी. डॉ. गौरी कान्त मिश्र, प्राचार्य, जीएमसीएचडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है