Bihar Politics: भाजपा के फायर ब्रांड नेता सह केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह इन दिनों सीमांचल में हिंदू स्वाभिमान यात्रा के तहत भ्रमण कर रहे हैं. भागलपुर से उन्हें शुक्रवार को अपनी यात्रा शुरू की है. गिरिराज सिंह ने रविवार को पूर्णिया में शोभायात्रा निकाली. इस दौरान केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने जिला स्कूल मैदान में आयोजित एक सभा को भी संबोधित किया. शनिवार को उन्होंने ने जहां कटिहार को बांग्लादेश बनाने की साजिश को लेकर चिंता जाहिर की थी तो पहीं अगले दिन पूर्णिया की सभा में केंद्रीय मंत्री ने तीन जिलों में एनआरसी लागू करने की जरूरत बतायी. इसके पीछे की वजह भी उन्होंने बतायी.
पूर्णिया समेत तीन जिलों में एनआरसी की जरूरत- बोले गिरिराज सिंह
जिला स्कूल मैदान में आयोजित सभा में रविवार को गिरिराज सिंह खूब गरजे. उन्होंने हिंदुओं को एकजुट होने की अपील की और सीमांचल में हिन्दुओं की घटती जनसंख्या पर अपनी चिंता जाहिर की. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सीमांचल के इलाकों में दूसरे वर्गों की आबादी 50 प्रतिशत हो चुकी है. गिरिराज सिंह ने कहा कि अगर अपनों को बचाने के लिए अब हम नहीं उठे तो हमारा पूरा अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा. गिरिराज सिंह ने घुसपैठ का मुद्दा उठाते हुए कहा कि 1971 के बाद आये बांग्लादेशी को घुसपैठिया घोषित करके उन्हें बाहर करने की जरूरत है. मंत्री ने कहा कि पूर्णिया,अररिया एवं किशनगंज में एनआरसी की जरूरत है.
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बांग्लादेशी और रोहिंग्या को बनाया मुद्दा
गिरिराज सिंह ने अपनी यात्रा को गैर राजनीतिक बताया. अपनी यात्रा पर सवाल खड़े करने वाले नेताओं को निशाने पर लेते हुए कहा कि हमारी यात्रा को लेकर एक नेता ने लाश गिराने की बात कही तो एक ने जेल जाने की. लेकिन जिस दिन हम लड़ना सीख लेंगे, उसी दिन से बांग्लादेशी और रोहिंग्या हमारे देश से भाग खड़े होंगे. बता दें कि अपनी इस यात्रा में गिरिराज सिंह हिंदुओं को एकजुट होने के संदेश पर ही जोर देते दिख रहे हैं.
यात्रा का विरोध करने वाले नेताओं पर बरसे
गिरिराज सिंह की इस यात्रा पर विपक्ष व जदयू के नेताओं ने कई बार सवाल खड़े किए हैं. इसपर गिरिराज सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि ओवैसी और भाई जान के आने पर किसी के पेट में दर्द नहीं होता. हिन्दुओं के यात्रा पर इनके पेट में दर्द होने लगता है. ऐसे नेता कब तक तुष्टीकरण की राजनीति करेंगे. गिरिराज सिंह ने कहा कि महलों में रहने वाले भी सुरक्षित नहीं होंगे. पाकिस्तान से भी महलों में रहनेवाले हिन्दुओं को भागना पड़ा था.