हरेक शनिवार मां सरस्वती की होती है पूजा
सिंधियान सुंदर गांव
इन्देश्वरी यादव , भवानीपुर. प्रखंड के रघुनाथपुर पंचायत अंतर्गत सिंधियान सुंदर गांव में 1937 से मां सरस्वती का दरबार सज रहा है. ग्रामीण धनंजय चौधरी बताते हैं कि पूर्वजों के अनुसार इस गांव में शिक्षा का काफी अभाव था . ग्रामीणों में शिक्षा के प्रति उत्सुकता होने पर एक शिक्षक की व्यवस्था की गई जो गांव में रहकर बच्चों को पढाने का काम करने लगे . ग्रामीणों द्वारा चंदा कर शिक्षक को प्रतिमाह कुछ सहयोग राशि दी जाती थी .इस गांव के प्रथम शिक्षक परोरा निवासी देवनारायण सिंह थे .वर्तमान समय में जहां मंदिर स्थापित है वहीं एक झोपड़ीनुमा बनाकर गांव के बच्चों को शिक्षा दी जाती थी. इसी क्रम में विद्यालय में शनिचरा पूजा की प्रथा शुरू की गयी. स्कूल के बच्चों एवं आसपास के बच्चों को बुलाकर प्रत्येक शनिवार को मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाने लगी. पूजा अर्चना करने के लिए बच्चे अपने घर से अरवा चावल, शक्कर और केला प्रसाद के लिए लाने लगे जो पूजा समाप्त होने के बाद ग्रामीण और बच्चों के बीच बांटा जाता था. बाद ग्रामीणों के सहयोग से सार्वजनिक सरस्वती मंदिर का निर्माण किया गया और उसमें प्रत्येक वर्ष सरस्वती की मूर्ति स्थापना कर पूजा अर्चना करने की प्रक्रिया प्रारंभ की गई. जब मंदिर का निर्माण कार्य संपन्न हो गया तो मंदिर के बगल में ही एक विद्यालय की स्थापना की गई जो ग्रामीणों के आवेदन पर सरकारी विद्यालय बन गया. आज इस विद्यालय से छात्र छात्राएं ने शिक्षा ग्रहण कर आज उच्च पद पर विराजमान हैं. आज मध्य विद्यालय सिंघियान सुंदर मंदिर परिसर के बगल में चल रहा है. मंदिर के चढ़ावा एवं ग्रामीणों के सहयोग से भव्य मंदिर का निर्माण कराया गया है. प्रत्येक वर्ष सरस्वती पूजा के अवसर पर भव्य मेला का आयोजन किया जाता है. प्रत्येक वर्ष मेला में कुश्ती का आयोजन किया जाता है.
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