पूर्णिया. पड़ोसी राष्ट्र बांग्लादेश की मौजूदा हालात पर पूर्णिया के बुद्धिजीवियों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने गंभीर चिंता जतायी है और संयुक्त राष्ट्र संघ से हस्तक्षेप की मांग की है. सीए राजीव श्रीवास्तव, दिलीप कुमार दीपक, गौतम वर्मा, अचिंतो कुमार बोस, अंजलि श्रीवास्तव ने रविवार को आयोजित संयुक्त प्रेसवार्ता में कहा कि बांग्लादेश में उत्पन्न स्थिति से पूर्णिया वासी भी आहत हैं. बांग्लादेश में जिस तरह के हालात नजर आ रहे हैं उससे वहां न केवल मानवाधिकार का खुला उल्लंघन हो रहा है बल्कि लोगों के मौलिक अधिकार का हनन हो रहा है. ऐसी स्थिति में संयुक्त राष्ट्र संघ का चुपचाप होना दुर्भाग्यपूर्ण है. अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भी अपने कर्तव्यों के प्रति जवाब दिख नहीं रही है. आज स्थिति यह है की लाखों की संख्या में लोग भारत के सीमा पर भूखे प्यासे खड़े हैं. ऐसी स्थिति में उनकी सुरक्षा उनके स्वास्थ्य की जिम्मेवारी संयुक्त राष्ट्र संघ को लेनी चाहिए और भारत सरकार को भी मानवीय मूल्यों का ख्याल रखते हुएआगे बढ़कर मदद करनी चाहिए. बांग्लादेश में अमन चैन स्थापित हो, उसके लिए पहल करनी चाहिए. साथ में लोकतंत्र स्थापित हो और देश की एकता अखंडता बना रहे, इस दिशा में मजबूत कदम उठाने की आवश्यकता है. बांग्लादेश में हुए इस घटना की हम सभी कड़े शब्दों में निंदा करते हैं और मांग करते हैं कि इस तरह की अमानवीय घटना की पुनरावृत्ति भविष्य में ना हो, यह सुनिश्चित की जानी चाहिए. फोटो- 11 पूर्णिया 9- पत्रकारों से बात करते पूर्णिया के बुद्धिजीवियों एवं सामाजिक कार्यकर्ता
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