करीब सौ करोड़ की लागत से होगा सरकारी स्कूलों का कायाकल्प
दशकों से पूर्णिया पर लगा निरक्षरता का कलंक जल्द धुल जाने की उम्मीद है. इस दिशा में सार्थक प्रयास किये जा रहे हैं. इसी इरादे से जिले के सभी सरकारी स्कूलों का जल्द ही कायाकल्प होनेवाला है.
दशकों से पूर्णिया पर लगा निरक्षरता का कलंक जल्द धुलने की उम्मीद
अगले साल 2025 मार्च के अंत तक काम पूरा होने का रखा गया है लक्ष्य
पूर्णिया. दशकों से पूर्णिया पर लगा निरक्षरता का कलंक जल्द धुल जाने की उम्मीद है. इस दिशा में सार्थक प्रयास किये जा रहे हैं. इसी इरादे से जिले के सभी सरकारी स्कूलों का जल्द ही कायाकल्प होनेवाला है. इसके लिए करीब सौ करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. अगले साल मार्च के अंत तक यह काम पूरा होने का लक्ष्य रखा गया है ताकि नये सत्र में बच्चों को सरकारी स्कूलों में वे सारी सुविधा मिल सके जिससे वे आजतक वंचित थे. दरअसल, जिले में साक्षरता दर की कमी की खास वजह यह है कि सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद आज भी जिले के अधिकांश स्कूलों में आज भी मूलभूत सुविधा का अभाव है. कहीं बच्चे हैं तो भवन नहीं और भवन है तो अन्य सुविधाएं नदारद. इसके चलते बच्चों को पढ़ाई पर सीधा असर पड़ रहा था. डीएम कुंदन कुमार ने इन सभी समस्याओं को इकट्ठा कर एकसाथ दूर करने की योजना बनायी. इस योजना के तहत शिक्षा विभाग ने जिले के सभी स्कूलों का एक सर्वे किया. सर्वे में जिन किस स्कूलों के पास वर्तमान में क्या सुविधा है और क्या जरूरत है, इनसभी का ख्याल रखा गया. सर्वे रिपोर्ट आने के बाद तस्वीर साफ हो गयी. जिले के कुल 2205 स्कूलों का सर्वे कराया गया, इनमें 995 स्कूलों की पहचान की गयी जहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव है.जिले में बनेंगे 309 अतिरिक्त क्लॉस रूम
जिले में 995 स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, जिले में 309 अतिरिक्त क्लास रूम की जरूरत है. इसी तरह 17 नये स्कूल भवन बनाये जायेंगे. करीब सौ स्कूलों में बिजली से संबंधित समस्याएं हैं. जिले में 203 स्कूलों में चहारदीवारी की जरूरत है.191 स्कूल पेयजल के संकट से जूझ रहे हैं. 144 स्कूलों में टॉयलेट की मरम्मत करायी जायेगी. इसी तरह 89 स्कूलों में कीचन शेड बनाने की जरूरत है.
डीएम बोले
हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, यह पहली प्राथमिकता है. इस दिशा में लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. इसी कड़ी में सभी स्कूलों में मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराया जायेगा. इसमें तकरीबन सौ करोड़ की राशि खर्च की जायेगी. इन कार्यों के लिए टेंडर भी निकल चुका है. अगले साल मार्च के अंत तक काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है ताकि नये सत्र में बच्चों को जरूरत की सारी सुविधा मिल सके. काम में गति लाने के लिए सभी संबंधित विभागों को भी जिम्मेदारी दी गयी है. गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के लिए बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ लाइब क्लासेस की सुविधा दी जा रही है. इसके सुखद परिणाम भी आये हैं. दिसंबर से क्रैश कोर्स भी शुरू किये जायेंगे. इसके तहत बच्चों को सिलेबस के साथ-साथ मॉक टेस्ट कराये जायेंगे.
कुंदन कुमार, डीएम, पूर्णिया फोटो- 14 पूर्णिया 15- डीएम …………………आंकड़ों पर एक नजर
309 अतिरिक्त क्लास रूम की जरूरत है. 17 नये स्कूल भवन बनाये जायेंगे. 100 स्कूलों में बिजली से संबंधित समस्याएं होंगी दूर 203 स्कूलों में चहारदीवारी की जरूरत है.191 स्कूल पेयजल के संकट से जूझ रहे हैं. 144 स्कूलों में टॉयलेट की मरम्मत करायी जायेगी. 89 स्कूलों में कीचन शेड बनाने की जरूरत है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है