– एनसीइआरटी ने भारतीय ज्ञान परंपरा पर आयोजित की थी संगोष्ठी रूपौली. टीकापट्टी थाना क्षेत्र के बैरिया गांव निवासी मनोज यादव की पुत्री गुंजन कुमारी ने नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीइआरटी) के भाषा शिक्षा विभाग द्वारा ”भारतीय ज्ञान परंपरा का सातत्य” विषय पर 28-29 नवम्बर को दिल्ली के राष्ट्रीय विद्या समीक्षा केंद्र में आयोजित दो दिवसीय नेशनल सिंपोजियम में अपना रिसर्च पेपर प्रस्तुत किया. उनका शोध महात्मा गांधी द्वारा सुविचारित एकादश व्रतों में भारतीय ज्ञान परंपरा के निहित तत्वों पर केंद्रित है. गुंजन कुमारी को महात्मा गांधी के दक्षिण अफ्रीका के आश्रम-जीवन पर शोधपूर्ण आलेख के लिए नेल्सन मंडेला दिवस पर आयोजित कार्यक्रमकॉन्फ्रेंस ऑन द आर्ट ऑफ फॉर्गिवनेस एंड रिकंसीलिएशन : लेशंस फ्रॉम मदीबा में भारत में दक्षिण अफ्रीका के राजदूत उच्चायुक्त सेड्रिक सी. क्राउली द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है. तिलकामांझी भागलपुर यूनिवर्सिटी के स्नातकोत्तर गांधी विचार विभाग में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने पर उन्हें बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर और केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के हाथों गोल्ड मेडल मिल चुका है. गुंजन कुमारी ने दिल्ली स्थित नेशनल आर्काइव्ज ऑफ इंडिया और इंस्टीट्यूट ऑफ कॉन्स्टिट्यूशनल एंड पार्लियामेंट्री स्टडीज में भी शिक्षा प्राप्त की है. उन्होंने यूजीसी क्वालीफाई कर असिस्टेंट प्रोफेसर बनने की पात्रता भी हासिल की है. गांव के सरकारी स्कूल से प्राथमिक शिक्षा लेने वाली गुंजन कुमारी के माता-पिता और शिक्षक उसकी इस उपलब्धि पर गर्व कर रहे हैं. कमजोर आर्थिक स्थिति वाले किसान परिवार से आने वाली गुंजन कुमारी के उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आने से क्षेत्र की दूसरी लड़कियों को भी प्रेरणा मिल रही है. उनके अभिभावक भी लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए तैयार हो रहे हैं. फोटो. 30 पूर्णिया 19- संगोष्ठी में उपस्थित गुंजन एवं अन्य
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