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हिंदी हमारी संवेदना व चिंतन की भाषा : प्रो. शंभुलाल

पूर्णिया कॉलेज में वर्तमान परिदृश्य में हिंदी विषय पर विचार गोष्ठी

– पूर्णिया कॉलेज में वर्तमान परिदृश्य में हिंदी विषय पर विचार गोष्ठी पूर्णिया. हिंदी दिवस पर पूर्णिया कॉलेज के हिंदी विभाग की ओर से वर्तमान परिदृश्य में हिंदी विषय पर विचार गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य प्रो. डॉ. शंभुलाल वर्मा ने कहा कि हिंदी भाषा हमारी संवेदना एवं चिंतन की भाषा है. हिन्दी भाषा में उपनिवेशवाद के कारण इसके शब्दकोश में अंग्रेजी के शब्दों का समावेश हो गया है. हिंदी को लोकप्रिय बनाने के लिए साहित्यकारों की भूमिका का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि साहित्य में सरल, सुबोध शब्दों का प्रयोग होना चाहिए. उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए हिंदी के अतिरिक्त दूसरी भारतीय भाषाओं को भी सीखने की बात कही. हिन्दी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. अंकिता विश्वकर्मा ने कहा कि हिंदी वर्तमान समय में सबसे अधिक लोकप्रिय एवं विश्व की तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है. हिन्दी भाषा 18 बोलियों का सम्मिश्रण है. भाषाओं के व्यवहारिक प्रयोग से वह विकसित और समृद्ध होती है. राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम समन्वयक डॉ रामदयाल पासवान ने कहा कि विश्व के अनेक देशों में हिंदी की पढ़ाई हो रही है. हिंदी रोजगार की भाषा है. विश्व का हर छठा व्यक्ति भारतीय है. इसलिए श्रमशक्ति की उपलब्धता के लिए पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है.हिंदी का प्रयोग सरकारी कामकाज एवं कार्यालयों में होना चाहिए. पूर्णिया कॉलेज शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ.सी के मिश्रा ने कहा कि हिंदी भाषा के दैनिक प्रयोग से ही वह समृद्ध होगी,जिससे देश भी समृद्ध होगा. पूर्णियॉ कॉलेज शिक्षक संघ के सचिव प्रो. राकेश ने कहा कि हिंद की पहचान हिंदी से है. हिन्दी को हटा देने से भारत का बाजारवाद ही समाप्त हो जाएगा. हिन्दी भाषा के प्रयोग की बात कहते हुए उन्होंने कहा कि हम संस्कृति को भाषा के माध्यम से ही जान सकते है. पूर्णिया विश्वविद्यालय हिंदी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. जितेन्द्र वर्मा ने कहा की भाषा वही जीवंत रहेगी जो रोजगारपरक होगी. इंजीनियरिंग और चिकित्सा की पुस्तकें भी भारतीय भाषा में होनी चाहिए. उर्दू विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मुजाहिद हुसैन ने कहा कि हमें अपनी भाषा से प्रेम करना चाहिए . हिन्दी भाषा को बचाने के लिए उसके साहित्य से विद्यार्थियों को जोड़ना होगा. साहित्यकार संजय सनातन ने कहा कि हिंदी को समृद्ध करने में भारतीय सिनेमा की महत्वपूर्ण भूमिका है. हमारी भाषा अच्छी होगी तो निश्चित ही रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. संस्कृत विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ.सविता ओझा ने साहित्य शास्त्र का वर्णन करते हुए कहा कि पाठक तनाव एवं अवसाद से मुक्ति के लिए साहित्य की शरण लेते हैं. उन्होंने नागार्जुन की कविता का वाचन भी किया. कॉलेज परीक्षा नियंत्रक डॉ मनोज कुमार सेन ने हिंदी और बांग्ला के भाषागत वैशिष्ट्य का वर्णन किया. हिंदी भाषा वैज्ञानिक भाषा है जिसमें हम जैसा बोलते हैं, वैसा ही लिखते हैं. अर्थशास्त्र विभाग के सहायक अध्यापक डॉ.सुनील ने कहा कि हिंदी और उसकी सहायक भाषाओं की सभ्यता और संस्कृति समृद्ध है. दर्शनशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. अमृता सिंह ने कहा की वर्तमान समय में हमें अपने चिंतन के स्तर को बढ़ाना होगा. भाषा केवल अनुवाद नहीं बल्कि संस्कृति की सूचक है. भाषा केवल ज्ञान प्राप्ति का माध्यम है. धन्यवाद ज्ञापन करते हुए डॉ.सीता कुमारी ने कहा कि हिंदी भाषा के महत्व पर जोर देना है तथा युवा पीढ़ी को हिंदी का महत्व बताना है. इस अवसर पर दीक्षा ,मयूरी ,विनती, विनीत, प्रिंस ,धीरज ने कुल गीत प्रस्तुत किया .हिमानी,नेहा रानी, राधिका कुमारी, निशु भारती ने स्वागत गान एवं धीरज कुमार ने लोकगीत की मनमोहक प्रस्तुति दी. लक्की परवीन, आरती कुमारी, प्रिंस कुमार, लक्ष्मी कुमारी तथा पूजा कुमारी ने भी अपने विचार व्यक्त किये.इस अवसर पर पूर्णिया कॉलेज के छात्र-छात्राओं के साथ सभी शिक्षकेतर कर्मचारी उपस्थित रहे. फोटो. 14 पूर्णिया 14 परिचय- पूर्णिया कॉलेज में कार्यक्रम में मौजूद प्रधानाचार्य प्रो शंभुलाल वर्मा एवं अन्य.

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