Bihar Athletics Competition : आगामी 19 जुलाई से शुरू होने वाली राज्य स्तरीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता के लिए मेजबानी करने का मौका पूर्णिया के हाथ से फिसल गया. अब यह आयोजन अपने निर्धारित कार्यक्रम के तहत पटना में आयोजित किया जा रहा है. मेजबानी में पूर्णिया के चूकने के पीछे इंदिरा गांधी स्टेडियम में नवनिर्मित सिंथेटिक ट्रैक के रखरखाव में लापरवाही सामने आयी है.
2000 से ज्यादा खिलाड़ियों का लगना था जमावड़ा
गौरतलब है कि पूर्णिया में इसके आयोजन तथा दो हजार से भी ज्यादा खिलाड़ियों की जमघट को लेकर यहां के खेल प्रेमियों, खिलाड़ियों सहित युवाओं में गजब का रोमांच था लेकिन यह मौका हाथ से निकल जाने के बाद सभी का उत्साह ठंडा नजर आ रहा है. जिला एथलेटिक्स संघ ने इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. जबकि इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए पूर्णिया जिले से लगभग 4 दर्जन एथलेटिक्स के खिलाड़ी पटना पहुंच चुके हैं.
स्टेडियम में रिकॉर्ड बनने की टूटी आस
राज्यस्तरीय एथलेटिक्स के आयोजन को लेकर जिले के चयन से यहां के लोगों की बड़ी आस जुडी थी. उनमें इस बात को लेकर भी बेहद खुशी थी कि इंदिरा गांधी स्टेडियम के नव निर्मित ट्रैक तथा अन्य एथलेटिक्स उपकरणों पर पहली बार खिलाड़ी अपने करतब दिखलायेंगे. कई रिकॉर्ड बनेगे तो कई टूटेंगे. लेकिन आयोजन का यह मौका पूर्णिया के हाथ से निकल जाने के बाद सभी खिलाड़ियों के बीच उदासी छायी हुई है.
पटना से आयी जांच टीम ने पायी खामियां
जानकारी के अनुसार आयोजन से पूर्व पटना से आयी जांच टीम के सदस्यों ने स्टेडियम की तमाम व्यवस्थाओं को आयोजन के अनुरूप नहीं बताया. टीम के सदस्यों ने सिंथेटिक ट्रैक और अन्य हैंगर्स व मैदान की स्थिति के अलावा वाशरूम्स एवं प्रसाधनों की कमी का हवाला देते हुए पूर्णिया के इंदिरा गांधी स्टेडियम में राज्य स्तरीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता के आयोजन के लिए अंतिम समय में अपनी ओर से दी गयी स्वीकृति वापस ले ली. इस वजह से यह मौका यहां से निकलकर पटना चला गया.
11 मार्च को केंद्रीय खेल मंत्री ने किया था उदघाटन
बीते 11 मार्च को पूर्णिया विवि के अधीन इंदिरा गांधी स्टेडियम में खेलो इंडिया के तहत 7 करोड़ की लागत से 4 गुणा 800 मीटर नवनिर्मित सिंथेटिक एथलीट ट्रैक का लोकार्पण केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने वर्चुअल माध्यम से किया था.
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जिला एथलेटिक्स संघ ने जताया अफसोस
पूर्णिया जिला एथलेटिक्स संघ के सदस्यों ने जिले में होने वाले आयोजन के रद्द हो जाने पर अफसोस जताते हुए कहा कि यह एक अच्छा मौका था जब स्टेडियम के ट्रैक पर खिलाड़ियों को अपना हुनर दिखाने का मौका मिलता. इसके साथ ही सभी खिलाड़ियों को लगातार स्टेडियम में प्रैक्टिस करने के लिए भी अवसर मिलने की उम्मीद थी लेकिन फिलहाल सभी की उम्मीदों पर पानी फिर गया है. उन सबका कहना है कि स्टेडियम की देखरेख एवं उपयोग के लिए किसी एजेंसी अथवा किसी व्यक्ति की जिम्मेदारी तय करनी थी ताकि सबकुछ व्यवस्थित तरीके से चले.
बेकार गयी सात करोड़ की योजना : नीलम अग्रवाल
जिला एथलेटिक्स संघ के अध्यक्ष नीलम अग्रवाल ने बताया कि सात करोड़ की लागत से तैयार सिंथेटिक ट्रैक की व्यवस्था धरी की धरी रह गयी. न तो इसके मेंटेनेंस पर ही ध्यान दिया गया और ना ही अन्य जरूरी संसाधन सुनिश्चित किया गया. एक बेहतरीन मौक़ा था जिससे जिले की प्रतिष्ठा बढ़ती लेकिन यह मौक़ा हाथ से निकल गया यह बेहद दुखद है.
पूर्णिया विश्वविद्यालय की संपत्ति स्टेडियम : डीएसओ
जिला खेल पदाधिकारी डेजी रानी ने बताया कि हमलोगों ने राज्य स्तरीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता आयोजन की तैयारियां कर ली थी. चूंकि स्टेडियम पूर्णिया विश्वविद्यालय की संपत्ति है इस वजह से भी जब जांच टीम यहां आयी तो उन्होंने वीसी महोदय को बताया कि एथलेटिक्स ट्रैक सभी मानकों को पूरा नहीं कर रहा है. बेसिक चीजों में मुख्य रूप से टॉयलेट्स एवं चेंजिंग रूम्स का अभाव है.
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चुनाव में प्रशासन ने बना दिया हेलीपैड : विवि
वहीं स्टेट एथलेटिक्स की मेजबानी छिन जाने के बाद एथलीट ट्रैक की बदइंतजामी के रहस्य से पूर्णिया विवि ने पर्दा उठाया है. विवि परिसंपदा पदाधिकारी प्रो पटवारी यादव ने बताया कि चुनाव के दौरान प्रशासन ने स्टेडियम के अंदर हेलीपैड बना दिया था. हेलीपैड बनाने के दौरान खेल से संबंधित सारे पोल हटा दिये गये. इस दौरान ट्रक भी प्रभावित हुआ.