Purnia news : बर्फीली हवाओं ने बदला मौसम का मिजाज, कड़क ठंड संग होगा नये साल का आगाज
सर्द पछुआ हवा से फ़िजा में पसर गयी है कनकनी, आज लुढ़क सकता है तापमान
पूर्णिया. महज एक दिन पूर्व तक दिन में गर्मी का अहसास दिलाने वाले मौसम के मिजाज को बर्फीली हवा ने बदल दिया. मौसम के इस बदलते मिजाज के बीच सोमवार की सुबह से ही आसमान में बादल छाए हुए रहे. रोज सुबह खिलने वाली धूप लगभग पूरे दिन गायब रही और बर्फीली हवा के कारण कनकनी का अहसास होता रहा. सोमवार को कई जगह लोग सड़क किनारे अलाव सेंकते देखे गये. मौसम विशेषज्ञों की मानें तो तेज पछुआ हवा चल रही है जिससे तापमान में गिरावट के आसार हैं. विशेषज्ञों की मानें तो तेज पछुआ हवा कड़क ठंड लेकर नये साल में प्रवेश करने वाली है. मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक मंगलवार 31 दिसंबर को न्यूनतम तापमान में कमी आ सकती है जिसका असर पहली जनवरी को भी रह सकता है. इस दौरान नये साल के पहले दिन कड़क ठंड के आसार बने हुए हैं. मौसम विभाग के मुताबिक अगले पांच दिनों तक लोगों को कड़क ठंड का सामना करना पड़ेगा. हालांकि इस इलाके में बारिश की कोई गुंजाइश बनती नहीं दिख रही है पर बर्फीली हवा ठंड जरूर बढ़ायेगी. इसके साथ ही सुबह के समय हल्के से मध्यम स्तर का कुहासा भी छाया रहेगा. मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार एक जनवरी से तापमान नीचे आ सकता है. इधर, सोमवार को पूर्णिया मौसम का अधिकतम तापमान 25.0 एवं न्यूनतम तापमान 16.0 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया. इससे पहले रविवार को अधिकतम 27.0 एवं न्यूनतम तापमान 15.0 डिग्री तथा शनिवार को अधिकतम 27.0 एवं न्यूनतम तापमान 11.0 डिग्री सेल्सियस था. इस बीच सोमवार को मौसम में हुए इस अचानक बदलाव का असर सड़क और बाजारों पर भी पड़ा है. एक दिन पहले जहां देर शाम तक बाजारों में चहल-पहल दिख रही थी वहीं सोमवार को शाम होते-होते लोग घरों में दुबकने लगे.
ठंड ने बढ़ा दी है बुजुर्गों व बच्चों की परेशानी
मौसम में अचानक हुए बदलाव से बुजुर्ग व बच्चों की परेशानी बढ़ गई है. बच्चों में जहां कोल्ड डायरिया का खतरा बढ़ गया है वहीं हाई बीपी व हृदय रोग से ग्रसित बूढ़े बुजुर्गों की परेशानी भी बढ़ गई है. डाक्टरों ने इस स्थिति में ठंड से बचाव और खानपान पर विशेष ध्यान रखने की जरूरत बतायी है. डाॅ केके चौधरी बताते हैं कि अत्यधिक ठंड में रक्त की धमनियों के सिकुड़ने के कारण ब्लड का दबाव काफी बढ़ जाता है. खासकर हाथ व पैर की धमनियां सिकुड़ जाती हैं। इससे हार्ट पर अतिरिक्त दबाव बन जाता है. ऐसे में हृदय रोग के मरीजों में हार्ट अटैक का खतरा बन जाता है जबकि हाई बीपी वाले मरीज भी ठंड के दौरान परेशानी में पड़ सकते हैं. ऐसे मरीज को समय समय पर बीपी चेक कराते रहना चाहिए क्योंकि अचानक से बीपी काफी बढ़ जाने से स्ट्रोक का खतरा रहता है.
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