पूर्णियों में डॉक्टरों की फीस तय करने का मामला पिछले कुछ दिनों से सुर्खियों में है. दरअसल, यहां के सांसद पप्पू यादव ने चिकित्सकों के साथ मुलाकात व बैठक की थी. जिसके बाद इस बैठक को लेकर बात सामने आयी कि यहां अब चिकित्सकों का फी निर्धारित कर दिया गया है और उसमें कुछ बदलाव किए गए हैं. जिसे लेकर सोशल मीडिया पर भी सांसद पप्पू यादव ने अपनी प्रतिक्रिया दी थी. लेकिन अब फी कम करने संबंधी सांसद के हालिया बयान पर आइएमए व डॉक्टर्स केयर एसोसिएशन ने सफाई दी है और ऐसी किसी भी फी निर्धारण की बात को नकार दिया है.
आइएम ने दी मामले पर सफाई
चिकित्सकों की फी तय करने संबंधी सांसद पप्पू यादव के हालिया बयान पर पूर्णिया आइएमए ने अपनी ओर से सफाई दी है. बुधवार को प्रेसवार्ता के दौरान आइएमए अध्यक्ष डॉ सुधांशु कुमार ने कहा कि नवनिर्वाचित सांसद पप्पू यादव के साथ कई अवसरों पर मुलाकात के दौरान गरीब मरीजों के प्रति उनकी चिंता पर बातें हुईं. आइएमए के सदस्यों ने उनके लोक कल्याणकारी कार्यों में सहयोग करने का वचन दिया है. मुख्य रूप से सांसद ने गरीबों की मदद की बात कही है. फी के मामले में उनके द्वारा इस दिशा में अपील भी की गयी है. फी निर्धारण की कोई बात नहीं है. बीपीएल अंतर्गत आनेवाले मरीजों के लिए आइएमए सदस्य अपनी इच्छा से वोलेंट्री रूप से मदद करने को तैयार हैं. जो भी मदद होगी व्यक्तिगत तौर पर होगी.
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सांसद अच्छे कार्यों के लिए आग्रह करेंगे, तो हम सभी मदद करेंगे
पूर्णिया आइएमए ने कहा कि सांसद अच्छे कार्यों के लिए आग्रह करेंगे, तो हम सभी मदद करेंगे. इस दौरान आइएमए अध्यक्ष डॉ सुधांशु कुमार ने फर्जी कारोबार में चिकित्सकों द्वारा किसी भी रूप में संलिप्तता से खुद को अलग कर लेने का आह्वान करते हुए सिविल सर्जन व जिला प्रशासन से जल्द से जल्द इन फर्जी संस्थानों को रोकने की भी अपील की.
मदद को आगे आये चिकित्सकों की सूची सांसद को सौंपी जाएगी
डॉक्टर्स केयर एसोसिएशन, गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करनेवाले मरीजों के लिए वैसे चिकित्सकों की एक सूची बनाकर सांसद पप्पू यादव को सौंपेगा, जो स्वेच्छा से इस दिशा में मदद के लिए आगे आएंगे. एसोसिएशन के संयोजक डॉ मुकेश ने कहा कि अमूमन सभी चिकित्सक मरीजों के हालात को देखते हुए भी स्वेच्छा से हमेशा मदद करते आये हैं. उन्हें कई मामलों में छूट दी जाती रही है, लेकिन सभी मरीजों के लिए ऐसा कर पाना सभी के लिए संभव नहीं दिखता. विभिन्न प्रकार की जांच में अनेक तरह की लागतें आती हैं, उनमें खर्च होता है. जांच की राशि में लागत के अनुसार जरूरतमंदों को राहत दी जा सकती है.
बीपीएल कार्ड धारक मरीजों के लिए..
डॉ मुकेश ने बताया कि बीपीएल कार्ड धारक कोई भी मरीज मदद के लिए अनुशंसा पत्र लेकर आयेंगे तो बेशक उनकी मदद की जायेगी. सरकारी संस्थानों में भी इस व्यवस्था के तहत पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप में शुल्क लिए जाते हैं. कहा कि इन तमाम मुद्दों पर सांसद महोदय से बात हुई है. जो कुछ बातें हम सब ने उनके समक्ष रखीं उन्होंने उसपर विचार करते हुए अपनी सहमति जतायी. उन्होंने गरीबों की मदद के लिए चिकित्सकों का मंतव्य मांगा था और जो मंतव्य उन्हें दिया गया उन्होंने उसे ही स्वीकृति दी है.
पहले भी गरीबों की मदद के लिए तैयार थे, अब भी हैं
एसोसिएशन के सह संयोजक डॉ ख्वाजा नसीम अहमद ने कहा कि फर्जी अस्पतालों व जांच घरों और दलालों के मामले में सांसद ने चिकित्सकों के हित में बिहार सरकार को पत्र लिखा है, जिसका सभी ने स्वागत भी किया है. हम सभी की कुछ समस्याएं हैं, जिन्हें दूर करने की दिशा में सांसद ने आश्वासन दिया है. चिकित्सकों को उनकी सुरक्षा का भरोसा मिल रहा है, तो हम सभी पहले भी गरीबों की मदद के लिए तैयार थे, अब भी हैं. पर, यह भी सच है कि गरीबों को रियायत देने के मामले में सभी चिकित्सक सक्षम नहीं हैं. हमारा संगठन वैसे चिकित्सकों की एक सूची तैयार करेगा जो चिकित्सक स्वेच्छा से इस दिशा में मदद के लिए आगे आना चाहते हैं. जो सक्षम नहीं हैं उन्हें छोड़ दिया जाएगा और जो डॉक्टर हाथ बढ़ाएंगे उन्हें शामिल किया जाएगा. उसी सूची को सांसद के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा.