मखाना के व्यवसाय में रोजगार सृजन की अपार संभावनाएं : प्राचार्य
10 दिवसीय मखाना प्रशिक्षण
भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय में 10 दिवसीय मखाना प्रशिक्षण पूर्णिया. बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के कुलपति डॉ डीआर सिंह के निर्देश एवं बिहार कौशल विकास मिशन से संबद्ध श्रम संसाधन विभाग, बिहार सरकार द्वारा 10 दिवसीय मखाना ग्रोवर कम प्रोसेसर प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सह अधिष्ठाता सह प्राचार्य डॉ डीके महतो ने अपने संबोधन में कहा कि मखाना आज के समय में एक विश्वव्यापी खाद्य प्रदार्थ के रूप में उभर रहा है. मखाना की खेती करने से किसानों को अधिक मुनाफा हो रहा है. मखाना की मांग अब देश के अलावा विदेशों में भी तेजी से बढ़ रही है. मखाना के व्यवसाय में रोजगार सृजन की अपार संभावनाएं हैं. कार्यक्रम के समन्वयक डॉ कंचन भामिणी ने प्रशिक्षणार्थी को प्रशिक्षण कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी. साथ ही उन्होंने बताया कि प्रत्येक प्रशिक्षणार्थी की उपस्थिति बायोमेट्रिक विधि से दर्ज की जायेगी. शत-प्रतिशत उपस्थिति होने पर ही प्रशिक्षण का प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा. कार्यक्रम के सह-समन्वयक डॉ. प्रवीण कुमार ने मखाना प्रशिक्षणार्थियों को बताया कि मखाना का निर्यात विश्वभर में 85 प्रतिशत बिहार राज्य से हो रहा है. इस प्रशिक्षण में कुल 30 प्रशिक्षणार्थी भाग ले रहे हैं. जिसका प्रशिक्षण 28 जनवरी तक है. कार्यक्रम के पहले दिन मखाना प्रशिक्षक डॉ पंकज कुमार मंडल ने अपने संबोधन में कहा कि सभी मखाना प्रशिक्षणार्थी प्रशिक्षण प्राप्त कर आत्मनिर्भर बन सकेंगे. इस अवसर पर महाविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ आषीष रंजन, डॉ. रूबी साहा, डॉ. बाल कृष्ण तथा अन्य कर्मचारी नवीन लकड़ा, श्रवण कुमार, गजेन्द्र मण्डल आदि सक्रिय रूप से उपस्थित थे. सहायक नियंत्रक बिनोद कुमार झा ने धन्यवाद ज्ञापन किया. फोटो. 18 पूर्णिया 5- प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ करते अतिथि एवं अन्य.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है