अपनी आंखें दान कर दूसरों की जिंदगी रोशन कर गईं इंदिरा दुगड़
लायंस क्लब की पहल पर मरणोपरांत 95 वर्षीय महिला का नेत्रदान
लायंस क्लब की पहल पर मरणोपरांत 95 वर्षीय महिला का नेत्रदान
पूर्णिया. खुश्कीबाग निवासी स्व. हनुमानमल दुगड़ की धर्मपत्नी इंदिरा देवी दुगड़ अपनी दोनों आंखों की कार्निया का दान कर दूसरों के अंधेरे जीवन में रोशनी भर गईं. इंदिरा देवी दुगड़ का निधन रविवार की सुबह 95 वर्ष की उम्र में हो गया. मरणोपरांत नेत्रदान की उनकी प्रबल इच्छा थी. लायंस क्लब पूर्णिया के सचिव रुपेश डूंगरवाल ने बताया कि उनके परिवार के पुत्र गुलाबचंद और विनोद दुगड़ ने इस मानव जाति को समर्पित पुनीत कार्य को अपनी सहमति के माध्यम से अपनी पूजनीया मां की अंतिम इच्छा को पूरा कराया. कटिहार मेडिकल कॉलेज की टीम के डॉक्टर अतुल मिश्रा के नेतृत्व में डॉक्टर मो. विसुदुल्लाह , डॉक्टर शिवानी , डॉक्टर मासूम वारिस खान द्वारा आंखों की कॉर्निया को निकाल कर यह प्रक्रिया पूरी की गई. श्री डुंगरवाल ने बताया कि स्व. इंदिरा देवी दुगड़ के इस पुनीत कार्य से प्रेरित होकर उनकी पुत्रवधू और पौत्रवधुओं ने भी मरणोपरांत नेत्रदान करने की इच्छा जताई जो समाज में एक आदर्श प्रस्तुत करता है. उनके पौत्र अशोक, अभय और अरुण दुगड़ ने भी अपनी दादी मां के इस जज्बे को सलाम किया. लायंस क्लब पूर्णिया ने पूज्य माताजी के प्रति हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके परिवार और कटिहार मेडिकल टीम के प्रति आभार जताया और समाज को जागरूक करने के लिए स्व. माताजी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की. लायंस क्लब के सचिव ने बताया कि एक कॉर्निया से तीन नेत्रहीनो को रोशनी मिल सकती है.फोटो- 30 पूर्णिया 14- इंदिरा देवी दुगड़ का फाइल फोटो15- रुपेश डुंगरवाल, लायंस क्लब के सचिव
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