जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में गर्भवती महिलाओं की हुई प्रसव पूर्व जांच पूर्णिया. गर्भावस्था के दौरान मां और होने वाले बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा हर महीने के 09 और 21 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान चलाया जाता है. इस दौरान सभी गर्भवती महिलाओं का विशेष रूप से प्रसव पूर्व जांच करते हुए उन्हें आवश्यक मेडिकल सहायता और परामर्श चिकित्सकों द्वारा दिया जाता है. बुधवार को भी जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच करते हुए उन्हें मेडिकल सहायता प्रदान की गयी. इस दौरान संबंधित महिलाओं और उनके परिजनों को गर्भावस्था के दौरान ध्यान रखने वाले सुविधाओं की जानकारी देते हुए मां और बच्चे के बेहतर स्वास्थ के लिए आवश्यक सुविधा उपलब्ध करायी गयी. सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान नियमित जांच कराने से मां और होने वाले बच्चे के स्वास्थ्य की जानकारी प्राप्त हो सकती है. इसमें कमी पाये जाने पर उसे चिकित्सकों की निगरानी में मेडिकल सहायता और परामर्श देते हुए सुरक्षित किया जाता है. इसके साथ साथ संस्थागत प्रसव कराने से जन्म के बाद बच्चे को जरूरत के अनुसार सुविधा उपलब्ध करायी जा सकती है. जन्म के बाद चिकित्सकों द्वारा बच्चे को एक घंटे के भीतर मां का दूध उपलब्ध करायी जाती है जो बच्चे के लिए अमृत के समान होता है. यह बच्चा को विभिन्न बीमारियों के ग्रसित होने से सुरक्षित रखता है. इसके लिए सभी को संस्थागत प्रसव सुनिश्चित करना चाहिए ताकि चिकित्सकों की देखरेख में गर्भवती महिला और बच्चे के स्वास्थ का जन्म के बाद से ध्यान रखा जा सके. गर्भावस्था में गर्भवती महिलाओं की नियमित जांच कराने और अस्पताल में संस्थागत प्रसव कराने से मां और बच्चे बिल्कुल स्वास्थ रहेंगे और जिले में मां-शिशु मृत्यु दर को कम रखा जा सकेगा. शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र माता चौक की प्रभारी चिकित्सक डॉ अरविंद कुमार ने कहा कि अस्पताल में गर्भवती महिलाओं और उनके परिजनों को मां और बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए संस्थागत प्रसव के लिए जागरूक किया जाता है. लोगों को बताया जाता है कि जन्म के दौरान मां और बच्चे को सुरक्षित रखने के लिए चिकित्सकों की निगरानी आवश्यक है. संस्थागत प्रसव कराने से चिकित्सकों द्वारा इसका विशेष ध्यान रखते हुए मां और बच्चे को जरूरत के अनुसार मेडिकल सहायता तत्काल उपलब्ध करायी जाती है जिससे मां और बच्चे किसी भी बीमारी ग्रसित होने से सुरक्षित हो सकते हैं. फोटो. 21 पूर्णिया 19- स्वास्थ्य केंद्र पर जांच कराती गर्भवती महिलाएं
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