लोस में पप्पू यादव ने सौरा नदी का उठाया मुद्दा पूर्णिया. सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने लोकसभा में बाढ़, आपदा प्रबंधन, नदियों के संरक्षण और पुनर्जीवन से संबंधित अनेक मुद्दे उठाये. उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार को इन विषयों पर गंभीरता से कदम उठाने की अपील की. यादव ने अपने वक्तव्य में कोरोना काल के समय और उसके बाद की स्थिति पर चर्चा करते हुए डिजास्टर मैनेजमेंट में आम जनता और सामाजिक संगठनों को शामिल करने की आवश्यकता पर जोर दिया. इसके अलावा सौरा नदी समेत अन्य नदियों पर माफिया द्वारा कब्जे से मुक्ति के लिए जांच टीम का गठन कर कार्रवाई करने की मांग की. पप्पू यादव ने मांग की कि पंचायत स्तर पर आपदा प्रबंधन के लिए कमेटी बनायी जाये जिसमें समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व हो. उन्होंने बिहार में नदियों की जमीन पर माफियाओं द्वारा कब्जे और अवैध निर्माण का मुद्दा उठाया. पूर्णिया और बिहार के अन्य जिलों में नदियों के किनारे अपार्टमेंट और मेडिकल हब बनाकर कानूनों का उल्लंघन किया गया है. मैं चाहता हूं कि इन जमीनों की जांच हो और उन्हें खाली करायी जाये. पप्पू यादव ने अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में शुरू की गई नदियों को जोड़ने की योजना का जिक्र किया. उन्होंने कहा,अटल जी की नदियों को जोड़ने की महत्वाकांक्षी योजना आज भी अधूरी पड़ी है. बिहार की कई नदियों जैसे गंडक, सप्तकोशी, बूढ़ी गंडक, महानंदा, कमला, कनहर और सौरा नदी पर काम नहीं हो सका है. अगर इन नदियों का सही तरीके से प्रबंधन होता, तो हर साल होने वाली बाढ़ से बचा जा सकता था. पप्पू यादव ने कोसी-महानंदा एक्सप्रेसवे बनाने की मांग की. उन्होंने कहा कि यह परियोजना सीमांचल के पूर्णिया, किशनगंज, अररिया और सहरसा जैसे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण है. अगर गाइड बांध और नहरों का पक्कीकरण किया जाए, तो इन इलाकों में बाढ़ के प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है. इसके अलावा सांसद ने सरकार से कोरोना महामारी से प्रभावित 40,000 परिवारों को मुआवजे का भुगतान शीघ्र करने की अपील की. फोटो- 13 पूर्णिया 5- लोकसभा में सवाल उठाते सांसद पप्पू यादव.
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