पूर्णिया विवि के पदाधिकारियों में टकराव का सतह पर आना कोई नया नहीं
पूर्णिया विवि के डीन साइंस प्रो संजीव कुमार और परीक्षा नियंत्रक प्रो. ए के पांडेय में टकराव के बीच दो उप परीक्षा नियंत्रक भी खुलकर मौजूदा व्यवस्था के विरोध में आ गये हैं.
साइड स्टोरी पूर्णिया. पूर्णिया विवि के डीन साइंस प्रो संजीव कुमार और परीक्षा नियंत्रक प्रो. ए के पांडेय में टकराव के बीच दो उप परीक्षा नियंत्रक भी खुलकर मौजूदा व्यवस्था के विरोध में आ गये हैं. मगर पूर्णिया विवि के लिए यह कोई नयी बात नहीं है. स्थापना वर्ष 2018 से ही पूर्णिया विवि में पदाधिकारियों में टकराव और इस्तीफे का सिलसिला चल रहा है. सबसे पहले तत्कालीन कुलपति प्रो. राजेश सिंह के विरुद्ध गंभीर आरोप लगाते हुए तत्कालीन उपकुलसचिव द्वय डाॅ. सुनील कुमार और डॉ. संजय कुमार ने त्यागपत्र दिया था. उसके बाद तत्कालीन कुलपति प्रो. राजेश सिंह और तत्कालीन प्रतिकुलपति प्रो. प्रभात कुमार सिंह के बीच तनातनी सामने आयी. आखिरकार तत्कालीन प्रतिकुलपति प्रो. प्रभात कुमार सिंह अपना त्यागपत्र देकर यहां से चले गये. उसके बाद भी पदाधिकारियों के हटने और बनने का सिलसिला जारी रहा. तत्कालीन कुलसचिव डॉ. घनश्याम राय और तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक प्रो. विनय कुमार सिंह के बीच भी प्रमाणपत्र को लेकर टकराव की स्थिति रही. तत्कालीन कुलसचिव डॉ. घनश्याम राय ने बड़ी संख्या में जारी प्रमाणपत्रों को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि प्रमाणपत्रों पर उनके हस्ताक्षर अवैध हैं. तत्कालीन कुलपति प्रो. राजनाथ यादव और तत्कालीन कुलसचिव डॉ. घनश्याम राय के बीच मतभेद भी खुलकर सामने आया. मीडिया के समक्ष भी दोनों पदाधिकारियों ने खुलकर एक-दूसरे पर जानबूझकर विवाद खड़े करने के आरोप लगाये. वेतन-पेंशन के दोहरा लाभ पर तत्कालीन कुलसचिव डॉ. घनश्याम राय ने तत्कालीन कुलपति प्रो. राजनाथ यादव को कई बार घेरा. यहां तक कि यह विषय राजभवन के संज्ञान में भी आया. अब एक बार फिर पदाधिकारियों के बीच टकराव ऐसे समय पर सतह पर आया है, जब पूर्णिया विवि अपने नये कुलपति प्रो. विवेकानंद सिंह का इंतजार कर रहा है. नये कुलपति प्रो. विवेकानंद सिंह को योगदान करते ही पदाधिकारियों के टकराव को खत्म करने की चुनौती होगी. फोटो. 20 पूर्णिया 13, परिचय- 20 जनवरी को प्रभात खबर में प्रकाशित समाचार.
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