रूपौली उपचुनाव-3
पूर्णिया. सड़क से विधानसभा तक के सफर तय करने में शंकर सिंह को 19 साल लग गये. 2005 में पहली बार रूपौली सीट से लोजपा के टिकट पर जीत हासिल की थी लेकिन सरकार नहीं बनने के कारण वे विधानसभा का मुंह नहीं देख पाये थे. इसके बाद शंकर सिंह 2010, 2015 और 2020 में लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़े. हर बार मामूली अंतर से हारते गये. इसबार गठबंधन की वजह से उनका टिकट अंतिम क्षणों में कट गया. टिकट नहीं मिलने से नाराज शंकर सिंह लोजपा (रामविलास) से इस्तीफा देकर निर्दलीय चुनाव मैदान में कूद गये. जिले के बीकोठी अन्तर्गत अलीगंज निवासी शंकर सिंह पूर्णिया और कोसी प्रमंडल में जाना पहचाना नाम है. स्वभाव से गंभीर शंकर सिंह अपने साथियों और शुभचिंतकों के बीच काफी लोकप्रिय हैं. ज्यादातर लोग उन्हें अध्यक्ष जी से ही पुकारते हैं. उनकी पत्नी प्रतिमा कुमारी वर्तमान में जिला परिषद सदस्य हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है